रायपुर। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके लोगों की लाशें अपनों के इंतजार में पड़ी हुई हैं, पर घरवालों ने उनसे मुंह मोड़ लिया है। आंबेडकर अस्पताल के मरचुरी में ऐसी नौ लाशें रखी हुई हैं, जिन्हें अपने कफन-दफन का इंतजार है। कोरोना संक्रमित होने के बाद जान गंवाने वाले इन लोगों के रिश्तेदार सामने नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से जिला प्रशासन की टीम भी उनका अंतिम संस्कार नहीं कर पा रही है।
बेमेतरा जिले के निवासी एक अधेड़ का शव विगत एक माह से पड़ा हुआ है, परिजन नहीं आने की वजह से उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण इतना भयानक हो चुका है कि इसकी वजह से लोग अपनों की ही कदर करना भूल गए हैं। संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अपनों से ऐसी दूरी बनाई जा रही है कि कोरोना की वजह से मौत होने के बाद भी सगे-संबंधी अंतिम संस्कार के लिए सामने आने से कतराने लगे हैं।
आंबेडकर अस्पताल की मरचुरी में रखी नौ लाशें कुछ इसी तरह की बेबसी बयान कर रही हैं। दूसरे जिले का होने की वजह से जिला प्रशासन की टीम भी शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रही है। इसके लिए रिश्तेदारों की अनुमति लेना आवश्यक है, मगर सूचना देने के बाद भी अधेड़ का परिवार सामने नहीं आया है। वहीं दो लोगों का शव ऐसा है, जो कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन उनके रिश्तेदारों का पता नहीं चल पाया है और शव मरचुरी में ही रखे हुए हैं।
तीन नवजात भी मरचुरी में जिन तीन लोगों का शव अंतिम संस्कार के लिए रखा गया है, उसमें तीन नवजात भी शामिल हैं। जन्म के बाद अन्य कारणों से उनकी मौत हुई और जांच में उन्हें कोविड पॉजिटिव पाया गया था। वार्ड से लाकर शवाें को कोविड मरचुरी में रख दिया गया और माता-पिता भी उन्हें लेने नहीं पहुंचे। इनमें से तीनों की मौत सितंबर के पहले सप्ताह में हुई थी।