रायपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है, ज्यादातर लोग बुरी तरह से खौफ में भी हैं। लगभग लोग भगवान से मिन्नतें कर रहे हैं कि वे कोरोना की चपेट में ना आए, लेकिन ग्रसित होने का सिलसिला बदस्तुर जारी है। सरकारी अस्पतालों और कोविड सेंटरों में लगातार बढ़ती संख्या के बाद निजी अस्पतालों में कोरोना के उपचार की अनुमति दे दी गई है, लेकिन निजी अस्पतालों में उपचार के नाम पर लूट जारी है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की अपेक्षाएं शासकीय अस्पतालों से जुड़ी हैं, लेकिन यहां पर ठगी होने लगी है।
ऐसा ही एक मामला रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में आया है, जहां एक महिला मरीज को होम आइसोलेशन में ठीक करने का झांसा देकर कोरोना वैक्सीन लगाने का झांसा दिया गया। इसके एवज में 11 हजार रूपए की डिमांड की गई। मरता क्या ना करता वाली कहावत यहां पर सटीक बैठता है। पीड़ित महिला के पति ने अंबेडकर अस्पताल के नर्स की बात मान ली और स्वीकृति दे दी।
जानकारी के मुताबिक, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की एक महिला की रिपोर्ट कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वह होम आइसोलेशन पर थीं। इस दौरान उनके पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनसे पूछा कि क्या वे घर में ही रहकर इलाज कराना चाहती हैं। उनकी टीम घर आकर इलाज करती है।
पहले 3 हजार रुपए बताया खर्च
संक्रमित महिला का परिवार कोरोना के नाम पर पहले से ही डरा हुआ था। ऐसे में वे इलाज के लिए तैयार हो गए। इस पर अंबेडकर अस्पताल की नर्स दीपा दास इलाज के लिए अपने सहयोगी राकेश चंद्र सिंह के साथ पहुंची। उन्होंने 3 हजार रुपए इलाज का खर्च बताया। स्वास्थ्य विभाग कोरोना के मरीज को जो दवाई दे रहा हैं, दोनों ने उन्हें भी वही दवाई दी।
ठोक दिए दो इंजेक्शन
दीपा ने महिला को दो इंजेक्शन लगाए। बताया कि यह कोरोना का इंजेक्शन है और उसके रुपए लिए। महिला ठीक हो गई तो राकेश उसके घर पहुंचा और 10 हजार रुपए मांगने लगा। कहा कि कोरोना का इंजेक्शन लगाया गया है, जो बहुत महंगा है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ ठगी का केस दर्ज कर लिया है। पता लगाया जा रहा है कि वह इंजेक्शन कौन सा है।