रायपुर। कोरोना महामारी के दौरान बिना होम क्वारेंटाइन के लगातार ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में आज मेकाहारा के स्वास्थ्य कर्मियों, नर्सों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि 15 दिन कोविड वार्ड में ड्यूटी के बाद एक सप्ताह या उसके अधिक दिन के क्वारेंटाइन में रहना होता है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस व्यवस्था को नज़रअंदाज़ करते हुए कर्मियों की लगातार ड्यूटी लगा रहे हैं। इसके अलावा उनका कोरोना टेस्ट भी नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में मानसिक तनाव के साथ संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।
स्वास्थ्यकर्मियों ने चर्चा के दौरान ये भी बताया की उन्हें कुछ महीने पहले उपयोग में आये ग्लोब्स और अन्य समाग्रियों को भी दोबारा उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है।
बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में कोरोना वार्ड में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ और लैब टेक्नीशियन ड्यूटी के बाद अपने-अपने घर जा रहे हैं। होम क्वारेंटाइन की व्यवस्था नहीं होने से परिवार और आसपास संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
मेकाहारा में ही 30 से अधिक स्टाफ कोरोना पॉजिटिव आ चुका है, लेकिन चिकित्सा विभाग, प्रशासन की अनदेखी के चलते कोविड वार्ड में ड्यूटी देने वाले स्टाफ को आइसोलेशन में नहीं रखा जा रहा है। कोरोना के पहले पॉजिटिव केस के आने के बाद डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन सभी को प्रशासन ने होटल, विश्राम गृह समेत अन्य जगह में रुकने की व्यवस्था करवाई थी। ड्यूटी के बाद उन्हें घरों में नहीं जाने दिया जा रहा था। अब सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी है, ऐसे में मेकाहारा में ड्यूटी कर रहे 200 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी प्रबंधन के आदेशों का विरोध करते हुए मोर्चा खोल दिया है।
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि अस्पताल के कई नर्सिंग स्टाफ पॉजिटिव आए हैं, जो कि हाल ही में कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे।संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। व्यवस्था के नाम पर चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर भी इन कोरोना वॉरियर्स के लिए कुछ नहीं कर रहा है। वहीं जवाब देने जिम्मेदारी अधिकारी भी अस्पताल पर नजर नहीं आ रहे हैं।