रायपुर। एक तरफ प्रदेश में कोरोना का तांडव जारी है। इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत स्वास्थ्य कर्मियों की है। मौके की नाजुकता से परे स्वास्थ्य कर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया और हड़ताल पर चले गए। इनकी इस हरकत की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगी, जिसके चलते सरकार को सख्त रवैया अख्तियार करना पड़ा और बर्खास्तगी आदेश जारी करना पड़ गया। जबकि हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मियों को काम पर लौटने की पूरी मोहलत दी गई थी।
सरकार के इस कदम को पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लोग मर रहे हैं, इनकी सेवा न कर कर्मचारी हड़ताल में गए हैं, यह इनकी नासमझी है। मोहन मरकाम ने यह बयान मरवाही में कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता के पास हम 36 वादे लेकर गए थे। सरकार बनने के बाद पौने 2 साल में 24 वादे पूरी कर दिए हैं। हमने जो वादा किया है उसे पूरा करेंगे। कोरोना काल में लोगों की जिंदगी बचाना सरकारी की पहली प्राथमिकता है। सरकार का पूरा बजट इसी में खर्च हो रहा है। पूरे प्रदेश में एस्मा लगा हुआ है, अति आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य विभाग भी आता है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से अपील की है, तो उन्हें सरकार पर विश्वास करना चाहिए। जिद करेंगे, तो सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।