बिलासपुर। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं, तो मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच न्यायधानी बिलासपुर से अच्छी खबर सामने आ रही है। बिलासपुर में जहां कोरोना मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की गई है, तो दूसरी तरफ रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ा है। प्रदेश के प्रथम दो जिलों में बेमेतरा में जहां रिकवरी रेट 76 प्रतिशत है, तो बिलासपुर में 75 प्रतिशत है, जबकि यहां पर संक्रमितों की संख्या बेमेतरा से 6 गुना ज्यादा है।
वहीं राजधानी रायपुर की बात की जाए तो रिकवरी के मामले में यह जिला 6 वें पायदान पर है। वहीं संक्रमण के स्तर पर नजर डाली जाए तो अब तक 29 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, तो मौतों का आंकड़ा 350 के करीब पहुंच चुका है।
रिकवरी रेट में सुधार को लेकर बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उनके साथ उनका पूरा अमला, पुलिस और डाॅक्टरों की टीम संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ना केवल न्यायधानी, बल्कि पूरे जिले में कोरोना के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लोगों को जागरूक किया जा रहा है, साथ ही बाहर निकलने पर सख्ती से रोक लगाई गई है।
कलेक्टर बिलासपुर सारांश मित्तर ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में गांव से लेकर शहर तक प्रतिदिन ताकत झोंकी जा रही है, जिसकी वजह से आज स्थिति में सुधार नजर आने लगा है। उनका कहना है कि आम शहरियों का इसी तरह सहयोग मिलता रहा, तो जल्द ही बिलासपुर में 100 फीसदी रिकवरी नजर आएगी। इसके बाद कोई भी संक्रमण की चपेट में ना आए, इसका ख्याल रखा जाएगा।
दो राय नहीं कि बिलासपुर कलेक्टर अपनी जिद के पक्के हैं। प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में उनके योगदान को नहीं भूलाया जा सकता। खुद भी कोरोना की चपेट में आने के बावजूद, उन्होंने स्वस्थ होते ही एक बार फिर कोरोना वारियर्स का हौसला बढ़ाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि उनकी पूरी टीम कोरोना से खौफजदा होने की बजाय सीधा मुकाबला कर रही है, जिसमें जिले के डाॅक्टर्स भी शामिल हैं। कलेक्टर सारांश ने जिले के शासकीय, अर्द्धशासकीय और निजी अस्पतालों के डाॅक्टरों को इस अभियान में शामिल होने के साथ ही भरपूर सहयोग देने के लिए साधुवाद भी दिया है।