प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उद्देश्य गांव को मुख्य मार्गों तक जोड़ना था। ताकि गांवों की तरक्की हो सके और किसान आसानी से अपनी फसलों को पास के शहर तक पहुंचा सकें। लेकिन तिल्दा में गांवों की सड़कों का इस्तेमाल यहां पर संचालित फैक्ट्रियों अपना माल ढोने के लिए करना शुरु कर दिया। जिससे सड़क की हालत बदहाल हो चुकी है।
ग्रामीण सड़क पर कभी भी हो सकता है हादसा
ग्रामीण सड़क पर कभी भी हो सकता है हादसा
तिल्दा से सरोरा पहुंचने के लिए जिस रास्ते का इस्तेमाल जनता कर रही है। वो अब खस्ताहाल हो चुका है। इस मार्ग पर बगदई माता का मंदिर भी स्थित है। जिसकी यहां के लोगों में बड़ी आस्था है। लेकिन सड़क की खस्ता हालत ने यहां रहने वालों लोगों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि आए दिन यहां से भारी वाहन गुजरते हैं। जिससे गंभीर हादसा हो सकता है।
फैक्ट्रियों ने छीनी ग्रामीण सड़क की जिंदगी
इस रास्ते में बड़ी फैक्ट्रियां संचालित हैं। जैसे मिलेनियम हाइटेक,रिफ्रैथर्म प्राइवेट लिमिटेड,मैंडेरा स्पॉंन्ज एंड पावर लिमिटेड और संभव स्पंज प्लांट।इन प्लांट्स से निकलने वाले भारी वाहन 25 से 30 टन माल और कोयला लेकर इस सड़क पर दौड़ते हैं। जबकि पीएमजीएसवाई सड़कों की क्षमता 10 टन से ज्यादा नहीं होती।
जिससे सड़क की हालत खराब हो चुकी है। वहीं जब इस बारे में हमने जिम्मदारों से बात करनी चाही, तो सभी ने कोरोना और बीमारी का बहाना बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया।ग्रामीण इलाकों में संचालित फैक्ट्रियों ने आज इस सड़क का जीवन छीन लिया है। जगह-जगह गड्ढे और जर्जर सड़क से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में प्रशासन और शासन को चाहिए कि जिन जगहों पर फैक्ट्रियां संचालित हैं उनके आसपास की सड़कों को मजबूत बनाए ताकि ऐसी समस्या सामने ना आ सके।