रायपुर। प्रदेश में कोरोना का कहर अपने पूरे वेग के साथ आगे बढ़ रहा है। 190 दिन पहले जहां इस प्रदेश में संख्या केवल एक थी, आज एक लाख के पार हो गई है। जहां एक भी मौत की गुंजाइश नहीं थी, अब तक पौने 8 सौ लोग दम तोड़ चुके हैं, जिसमें अकेले राजधानी में मौतों की संख्या करीब चार सौ पहुंच गई है। लेकिन जिला प्रशासन ने जब से होम आइसोलेशन को प्राथमिक सुविधा के तौर पर पेश किया है, इससे ना केवल मरीजों को ज्यादा सुविधा मिल रही है, बल्कि रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ने लगा है। यही वजह है कि होम आइसोलेशन के मामले में रायपुर माॅडल की जमकर सराहना हो रही है। बता दें कि युवा आईएएस अधिकारी और रायपुर के एडीएम के साथ ही होम आइसोलेश के प्रभारी विनीत नंदनवार लगातार इस बात की माॅनिटरिंग कर रहे हैं, जिसका सुखद परिणाम सामने आया है।
हालांकि प्रदेशभर में होम आइसोलेश को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि कोविड सेंटर के बेड गंभीर किस्म के मरीजों के रिक्त रखा जा सके और उनके उपचार में किसी तरह की अड़चन ना आए। छत्तीसगढ़ में कोरोना पीड़ितों का सीरो सर्वे कराया गया, जिसमें ज्यादातर लोग सामान्य रूप से कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है। रायपुर में इसका बेहतर तरीके से पालन हो रहा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
रायपुर में कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि होम आइसोलेशन की सुविधा ले रहे कोरोना मरीजों को प्रतिदिन स्वास्थ्य की जानकारी के लिए बकायदा फोन किया जाता है, उन्हें आवश्यक सलाह दी जाती है। इसके अलावा गंभीर होने की स्थिति में तत्काल अस्पताल रेफर करने की सुविधा भी तैयार रखी गई है।
इस विषय पर एडीएम एवं होम आइसोलेशन प्रभारी विनीत नंदनवार से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि रायपुर प्रदेश की आत्मा है। यहां पर जितनी जल्दी से जल्दी कोरोना मरीजों की संख्या घटेगी, लोग पूरी तरह से स्वस्थ होंगे, उतनी तेजी से प्रदेश के रूके हुए कामों का गति मिल पाएगी। लिहाजा जरूरी है कि राजधानी से कोरोना को जल्द से जल्द अलविदा किया जाए। उनसे पूछे जाने पर बताया कि होम आइसोलेशन को लेकर शुरू में भ्रांतियां थीं, लेकिन अब ज्यादातर लोग होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं। लिहाजा प्रशासन की ओर से ऐसी व्यवस्था की गई है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित माॅनिटरिंग होती रहे, ताकि किसी भी मरीजों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े।