मुंबई। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत की, बीएमसी की ओर से कार्रवाई में उनके बंगले के एक हिस्से को गिराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत से सोमवार को जवाब मांगा। इस दौरान तीखी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे पूछा कि उन्होंने ‘हरामखोर’ शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया था। इस शब्द को लेकर गर्मागर्म बहस भी हुई। बता दें कि कोर्ट की सुनवाई 3 बजे से फिर शुरू हो गई है।
कोर्ट ने कंगना के वकील से बीएमसी (BMC) की कार्रवाई की फाइल और संजय राउत की क्लिप जांच के लिए लाने को कहा। वहीं इससे पहले कंगना के वकील ने 5 सितंबर के उस ट्वीट को भी कोर्ट के सामने रखने को कहा, जिसे लेकर कंगना का दावा है कि उसी के चलते उनका दफ्तर तोड़ा गया ताकि टाइमिंग का पता लग सके। कंगना के वकील बिरेंद्र सराफ ने राउत का एक बयान कोर्ट में प्ले किया, जिसमें उन्होंने हरामखोर ‘शब्द’ बोला था। इस पर संजय राउत के वकील ने कहा कि मेरे क्लायंट ने किसी का नाम नहीं लिया है। जिसके बाद कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड करने के बारे में पूछा। जिस पर राउत ने कल इस पर एफिडेविट फाइल करने की बात कही।
किसी को भेजकर दो करोड़ के नुकसान का जायजा लेने का आग्रह भी किया
कंगना के वकील ने कहा कि इससे उनकी क्लायंट को 2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कोर्ट से किसी को भेजकर नुकसान का जायजा लेने का आग्रह भी किया। जस्टिस एस. जे. कथावाला और जस्टिस आर. आई चागला की पीठ, बृहन्मुंबई नगर निगम के अभिनेत्री के बंगले के एक हिस्से को गिराए जाने की कार्रवाई की सुनवाई कर रही है।
रनौत के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने पिछले मंगलवार को ही अदालत में एक डीवीडी सौंपी थी, जिसमें शिवसेना नेता राउत द्वारा अभिनेत्री को कथित तौर पर धमकाने वाला एक बयान होने की बात कही थी। इसके बाद पीठ ने राउत और बीएमसी अधिकारी लाते को मामले में पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी थी।