नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि सीरो सर्वे की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक देश की एक बड़ी आबादी अब भी कोरोना वायरस की जद में आ सकती है। डीजी आईसीएमआर बलराम भार्गव ने बताया कि आईसीएमआर की दूसरी नैशनल सीरो रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2020 तक 10 साल से ज्यादा की उम्र का हर 15वां शख्स कोरोना की चपेट में आ चुका है।
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देश में कोरोना को लेकर पैदा हुए हालात और वर्तमान स्थिति की जानकारी देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और नीति आयोग ने मंगलवार को एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डीजी आईसीएमआर बलराम भार्गव ने कहा, ‘सीरो रिपोर्ट में एक बड़ी आबादी के कोरोना की चपेट में आने की आशंका जताई गई है, ऐसे में 5T स्ट्रैटिजी (टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीट और टेक्नॉलजी) को अपनाना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी सीरो रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त तक 10 साल से ऊपर का हर 15वां शख्स कोरोना की चपेट में आ चुका है।’
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मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड-19 के 4,453 मामले हैं और मौत के 70 मामले हैं, जो दुनिया में सबसे कम हैं। आईसीएमआर द्वारा दूसरा सीरो सर्वे काफी आबादी को अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने संभावना दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ’17 अगस्त से 22 सितम्बर तक 29,082 लोगों के बीच सर्वे किया गया, 6.6 प्रतिशत में सार्स-सीओवी2 के पिछले खतरे के लक्षण दिखाई दिये। दस वर्ष और इससे अधिक आयु के 15 व्यक्तियों में से एक को अगस्त 2020 तक सार्स-सीओवी2 की चपेट में आने का अनुमान है।
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आईसीएमआर के दूसरे सीरो सर्वे के नतीजों से पता चलता है कि शहरी मलिन बस्तियों (15.6 प्रतिशत), गैर-मलिन बस्तियों (8.2 प्रतिशत) क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में सार्स-सीओवी2 का प्रसार अधिक है। मई की तुलना में अगस्त में संक्रमण के कम मामले जांच और मामलों का पता लगाने में पर्याप्त रूप से तेजी को दिखाते हैं।
दूसरे सीरो सर्वे के नतीजों के अनुसार देश मे 7.1% वयस्कों (18 साल से ऊपर) के कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके होने की संभावना है जबकि 10 साल से ऊपर के 6.6% आबादी में वायरस के संपर्क में आने की संभावना है। 10 साल या उससे ऊपर के हर 15 में से एक शख्स का अगस्त तक वायरस के संपर्क में आने की संभावना है।
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सबसे ज्यादा खतरा शहरी स्लम में है, फिर शहरी गैर स्लम एरिया और फिर ग्रामीण एरिया। 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांव/वार्ड में यह सर्वे किया गया। यह सर्वे 17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच किया गया और इसमें 29,082 लोगों का सैंपल लिया गया।
आईसीएमआर के डीजी ने राज्य सरकारों से अपील की है कि आगामी त्योहारी सीजन, सर्दी के मौसम को देखते हुए वे खास सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा, ‘अगले कुछ महीनों के दौरान कई बड़े त्योहार, सर्दी के मौसम और बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकारों को नई कंटेनमेंट स्ट्रैटिजी को अपनाना होगा।’
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सीरो रिपोर्ट में खुलासा, ग्रामीण इलाके कम प्रभावित
डीजी आईसीएमआर बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक और बड़ी बात कही। उन्होंने बताया कि दूसरी सीरो रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस से ग्रामीण इलाके इतने प्रभावित नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘दूसरी सीरो सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, SARS-CoV2 से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरी स्लम और शहरी नॉन-स्लम एरिया हैं। ग्रामीण क्षेत्र अपेक्षाकृत कम प्रभावित हैं।’