नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) के कहर से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है। अब एक नए अध्ययन में यह पता चला है कि सर्दी के मौसम में जब लोग घरों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं, तब कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। खासतौर पर वेंटीलेशन सिस्टम से संक्रमण फैलने का अंदेशा जताया गया है। यह सिस्टम कई इमारतों में तापमान अनुकूल बनाए रखने के लिए लगाया जाता है। ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों के अनुसार, व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले वेंटीलेशन सिस्टम के जरिये पूरे स्थान पर वायु जनित प्रदूषक तत्व फैल सकते हैं। इनके साथ तरल कण भी सकते हैं, जिनमें कोरोना वायरस भी हो सकता है।
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इस बात के लगातार साक्ष्य बढ़ते जा रहे हैं कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से खांसने, छींकने, बातचीत करने या सांस लेने के दौरान निकलने वाले तरल कणों से फैलता है। अध्ययन के इन निष्कर्षों से जाहिर होता है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क पहनना और अच्छी गुणवत्ता के वेंटीलेशन सिस्टम की जरूरत है। शोधकर्ताओं ने अब तक के अध्ययनों के आधार पर कहा कि बाहर की अपेक्षा घर के अंदर संक्रमण के प्रसार का खतरा ज्यादा रहता है।
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सर्दियों में घातक बन सकता है कोरोना का संक्रमण, क्योंकि –
सर्दियों में कोरोना का खतरा बढ़ सकता है और इसके संकेत मिलने भी शुरू हो गए हैं। डाक्टर वीके पॉल के अनुसार अस्पतालों में कुछ ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनकी स्थिति कोरोना के संक्रमण के कारण गंभीर हो गई है। डॉक्टर पॉल के अनुसार सर्दी-खांसी की बीमारियों में यह एक सामान्य बात है। गर्मियों में जब किसी को सर्दी-खांसी होती है और सामान्य रूप से ठीक भी हो जाती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में वही गंभीर रूप धारण कर लेता है। चूंकि कोरोना वायरस भी एक सांस से संबंधित सर्दी-खांसी जैसी बीमारी है, इसीलिए सर्दियों के मौसम में मरीजों की स्थिति गंभीर होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आइसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर नजर रखे हुए हैं।