रायपुर। राजधानी में इस बार दशहरे की वैसी भव्यता नजर आएगी, जैसा कि बीते सालों में दिखता रहा है। इसके पीछे स्वाभाविक वजह कोरोना संक्रमण ही है। जिसके चलते प्रशासन ने रावण दहन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाने की तैयारी कर ली है। प्रशासन ने दशहरा समितियों के पदाधिकारियों को दो टूक कह दिया है कि इस बार केवल सांकेतिक तौर पर ही दशहरा मनाया जाएगा, किसी तरह की भव्यता को अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि राजधानी के डब्लूआरएस मैदान, रावणभाठा और बीटीआई ग्राउंड पर हर साल भव्य आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार केवल सांकेतिक रावण दहन की तैयारी है, जिसमें बहुत छोटे आकार के पुतले को जलाया जाएगा। सांकेतिक तौर पर छोटा पुतला जलाने की बात कुछ और समितियों ने भी अफसरों से कही है। कुछ समितियों ने तो इस बार रावण दहन करने से ही मना कर दिया है।
विदित है कि इस वर्ष 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होगी। वहीं 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाना है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपाय के चलते मार्च से सितंबर तक सभी त्यौहार व पर्व शासन के नियमों का पालन करते हुए मनाए गए। हाल ही में कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने नवरात्रि के लिए 29 बिंदुओं पर नियम जारी किया था। दशहरा किस तरह मनाया जाए, इसे लेकर प्रशासन ने बुधवार को शहर की कई बड़ी समितियों को बुलवाया। कंट्रोल रूम में इस बैठक में शहर के एडीएम और एएसपी शामिल हुए। बैठक में दशहरा उत्सव को लेकर चर्चा की गई, जिसमें समितियों के मत अलग-अलग रहे। कुछ समितियों ने तो साफ कह दिया कि वे उत्सव नहीं मनाएंगे।
सुरक्षा पहली प्राथमिकता
इस समय पहली प्राथमिकता कोरोना संक्रमण के विस्तार को हर हाल में रोकना है। दशहरा आयोजन के दौरान बड़ी तादाद में भीड़ इकट्ठा होती है, लिहाजा परिस्थितियों को देखकर ही निर्णय लिया जा सकता है। फिलहाल दशहरा समितियों ने अपने-अपने विचार रखे हैं। वे इन्हें गुरुवार को शाम तक लिखित तौर पर प्रशासन को भेजेंगे। इसके बाद कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर गाइडलाइन जारी की जाएगी।
-विनीत नंदनवार, एडीएम रायपुर