रायपुर। भारत में राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पुष्प कमल के बाद अब राष्ट्रीय तितली की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चैंकाने वाली बात यह है कि राष्ट्रीय तितली पर मुहर भले सरकार लगाएगी, लेकिन चयन का अधिकार देश की जनता को होगा। इसके लिए तितली की सात प्रजातियों को शामिल किया गया है, हालांकि देश में तितलियों की 1500 प्रजातियां मौजूद है। इसमें दूसरी बड़ी बात यह है कि जिन कामन जेजबेल का चयन हुआ है, उसमें से एक छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में पाईं जाती है।
7 प्रजातियों का चयन
देश भर से आंकड़े एकत्रित करने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने अंतिम सूची के लिए आंतरिक मतदान से सात प्रजातियों का चयन किया। चयन में इसका ध्यान रखा गया कि तितलियों की ये प्रजाति न तो दुर्लभ हों और न ही साधारण। फिर जो प्रजातियां सामने आईं, उनमें कृष्णा पीकॉक, कॉमन जेज़बेल, ऑरेंज ओकलीफ, फाइव बार स्वॉर्ड टेल, कॉमन नवाब, यलो गोर्गन और नॉर्दन जंगल क्वीन शामिल है।
8 अक्टूबर तक खुली है वोटिंग लाइन
राष्ट्रीय तितली चुनने के लिए सितंबर माह से प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगर आप भी राष्ट्रीय तितली के लिए वोटिंग करना चाहते हैं तो tiny.cc/nationalbutterflypoll पर जाना होगा। वहां मौजूद जानकारी के जरिए किसी भी एक तितली को आप वोट दे सकते हैं। वोटिंग लाइन 8 अक्टूबर तक खुली है। वोटिंग के आधार पर तितलियों की तीन शीर्ष प्रजातियों के प्रस्ताव को पर्यावरण और वन मंत्रालय के भेजा जाएगा।