नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में पूरा विश्व इस समय उपचार के पीछे दिन-रात एक कर रहा है। भारत में भी लगातार रिसर्च का दौर जारी है, जिसमें सफलता भी नजर आने लगी है, हालांकि अंतिम नतीजे तक पहुंचने में अब भी काफी समय लगने की संभावना है। एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया ने कोरोना वायरस और वैक्सीन से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए।
भारत में लोगों को कब से मिलेगी वैक्सीन?
डॉक्टर गुलेरिया से पूछा गया कि आखिर भारत में लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन कब से मिलनी शुरू हो जाएगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, यह कहना अभी मुश्किल है कि वैक्सीन कब तक आ जाएगी, लेकिन भारत में जितने भी फेज टू या थ्री के ट्रायल हो रहे हैं, उसमें दो-तीन रिजल्ट अच्छे आए हैं। रिजल्ट और फॉलोअप में वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई। इन वैक्सीन के ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं पाए गए हैं। ये वैक्सीन इफेक्टिव हैं और इन्हें लगाने से प्रोटेक्शन मिल रहा है।
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन लगाने से बॉडी में एंटीबॉडी बनती है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ये एंटीबॉडी कितना काम करती है, ये सुनिश्चित करने के बाद ही वैक्सीन की दिशा में काम आगे बढ़ाजा जा सकेगा। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन डोज पर भी अभी काम किया जाना है। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल जनवरी तक लोगों कोरोना वायरस की वैक्सीन मार्केट में आ जाएगी।
आखिर कब सामान्य होगी स्थिति?
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि ज्यादातर लोगों के मन मे सवाल है कि आखिर हम कब तक पहले जैसी सामान्य स्थिति में पहुंच सकेंगे। बिना संक्रमण के खतरे के, बिना डर के पहले जैसे काम कर सकेंगे। इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरूआत तक स्थिति थोड़ी बेहतर हो जाएगी। हांलाकि वायरस खत्म नहीं होगा, लेकिन कुछ हद तक कंट्रोल में हो जाएगा। वैक्सीन आ जाने के बाद भी कुछ बद तक स्थिति कंट्रोल में आ जाएगी लेकिन पूरी तरह से राहत पाने में एक से डेढ़ साल तक का समय लग सकता है।