नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते बंद पड़े स्कूल को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद अब इन्हें खोलने की तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल इन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। सबसे पहले दसवीं और बारहवीं के छात्रों को स्कूल बुलाया जाएगा। वैसे भी इनकी बोर्ड परीक्षाओं को अब कुछ ही महीने बचे है। ऐसे में इन्हें स्कूल बुलाकर इनके प्रैक्टिकल सहित बाकी बचे कोर्स को भी पूरा कराया जाएगा। कोरोना संकट के चलते नई कक्षाओं में आने के बाद यह बच्चे अब तक एक भी दिन स्कूल नहीं आए है।
इस बीच इन बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूल से लेकर अभिभावक भी चिंतित है। हालांकि स्कूलों के बंद रहने के बाद भी इन बच्चों को स्कूल लगातार ऑनलाइन पढ़ा रहे थे, लेकिन स्कूलों का मानना है कि बच्चों को कक्षाओं में सामने बैठाकर पढ़ाए बगैर बेहतर रिजल्ट नहीं मिल सकता है। फिलहाल स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे देश के बड़े सरकारी स्कूल संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे इनकी इससे पहले सरकार की ओर से जारी की गई अनलॉक-4 की गाइडलाइन आने के बाद बच्चों को स्कूल बुलाने की योजना बनाई थी। लेकिन ज्यादातर अभिभावकों की असहमति के बाद योजना को टाल दिया था। जिसमें दसवीं और बारहवीं के छात्रों को 21 सितंबर से बुलाई की योजना बनाई गई थी।
खास बातें
– कोरोना संकट के चलते मार्च से बंद हैं स्कूल
– अभिभावक की अनुमति पर ही बुलाए जाएंगे बच्चे
– बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की
-हफ्ते में दो से तीन दिन ही बुलाए जाएंगे हर कक्षा के बच्चे
– बच्चों के लिए मास्क और सैनिटाइजर जरूरी
सेफ्टी गाइडलाइन का भी दिया जा रहा है अंतिम रूप
स्कूलों को खोलने की तैयारी के साथ स्कूलों के लिए एक सेफ्टी गाइडलाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यह अगले हफ्ते में कभी भी जारी हो जाएगी। वैसे भी स्कूलों को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की जिस तरह से तैयारी है, उसमें गाइडलाइन को इससे पहले ही जारी करना होगा। इस बीच जो जानकारी सामने आयी है, उसके तहत प्रत्येक क्लास में 12 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। हालांकि परिजनों की सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।