बिलासपुर। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने में महज 10 दिनों का समय शेष रह गया है। छत्तीसगढ़ में दशहरा उत्सव के लिए पहले ही गाइड लाइन जारी कर दिया गया है और स्पष्ट कर दिया गया है कि 10 फीट से ज्यादा बड़े रावण का पुतला दहन नहीं किया जा सकता। वहीं अब शारदीय नवरात्र के लिए भी प्रदेश के दो सिद्ध देवी मंदिर के ट्रस्ट ने अपना फैसला दे दिया है। इस निर्णय के मुताबिक कोरोना काल में भक्तों को रतनपुर स्थित मां महामाया और डोंगरगढ़ वासिनी मां बम्लेश्वरी का दर्शनलाभ नहीं मिल पाएगा।
इससे पहले चैत्र नवरात्रि में भी इसी तरह के गाइड लाइन जारी किए गए थे, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं में काफी निराशा थी। शारदीय नवरात्रि के लिए जारी किए गए निर्देश से भी भक्तों में निराशा स्वाभाविक है। लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए इस तरह के निर्णय की आवश्यकता महसूस की गई है।
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते शारदीय नवरात्र में रतनपुर मां महामाया मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद रहेंगे। पिछले बार की तरह इस बार भी भक्तों को ऑनलाइन माध्यम से वर्चुअल दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन और ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। उल्लेखनीय है कि चैत्र नवरात्र में भी जिला प्रशासन ने इसी तरह की व्यवस्था की थी। वहीं अब क्वांर नवरात्र में भी भक्त माता के सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से दर्शन कर पाएंगे।
रतनपुर मां महामाया के अलावा डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्ववरी मंदिर भी भक्तों के लिए नहीं खोले जाएंगे। सिर्फ मंदिर के पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। इसके आलवा डोंगरगढ़ में मेला भी नहीं लगाया जाएगा।