जशपुर। रायगढ़ लोकसभा सांसद गोमती साय ने बलरामपुर में होने वाली घटना के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हाथरस मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी न्याय मांगने गए थे तो यहां भी आएं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार की करतूतों का हिसाब लें। उनके आने – जाने का खर्च मैं दूंगी । राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाली विलुप्तप्राय जनजाति की बेटी की हत्या की गई है, एक आरोपी को गिरफ्तार करके मामले को ठंडा करने का प्रयास किया जा रहा है ।जबकि परिस्थितियां कह रही हैं कि हत्या में और भी लोग शामिल हैं।
गोमती साय सोनक्यारी थाना इलाके में रह रहे आदिवासी परिवार से मिलने पहुंची थीं। दरअसल इस परिवार की एक युवती ने 31 अगस्त को खुदकुशी कर ली थी। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या हुई थी।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने परिजनों से की मुलाकात –
मामला आदिवासी युवती का होने की वजह से अब तूल पकड़ रहा है। एक दिन पहले ही राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने परिजनों से मुलाकात की थी। इसके बाद आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में साय ने पुलिस-प्रशासन और प्रदेश सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी। उन्होंने इस पूरे मामले को धर्मांतरण और मानव तस्करी से जोड़ते हुए, जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की है।
नंदकुमार साय ने इस मामले में कहा कि पोस्टमार्टम में भी लापरवाही बरती गई है। यही कारण है कि पुलिस ने दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने के लिए उसके कब्र को खोद कर नमूना लिया है। मामले की सच्चाई उजागर करने के लिए पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए एसआईटी गठन करने की मांग की है।
यह है पूरा मामला –
31 अगस्त को खबर आई कि पहाड़ी कोरवा आदिवासी समुदाय की युवती ने खुदकुशी कर ली। सूत्र बताते हैं कि युवती का किसी सुशील मिंज नाम के युवक से प्रेम संबंध था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब युवती गर्भवती हो गई। युवती पर बच्चा गिराने का दबाव बनाया जाने लगा। इस बीच उसकी मौत हो गई। परिवार वालो ने इसे हत्या और दुष्कर्म का केस बताया हालांकि आधिकारिक तौर पर अब तक इसे आत्महत्या के केस के तौर पर देखा जा रहा है। सियासी लोगों के दखल के बाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है। केस की जांच जारी है।