रायपुर। आईपीएल टूर्नामेंट में लाखों रुपए के दांव लगा रहे सटोरियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। लालबाग पुलिस ने शहर के चिखली और तुलसीपुर के दो युवकों को सट्टा खिलाते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने दोनों आरोपी के पास से कुल 50 हजार रुपए नगद जब्त किया है। वहीं 8 लाख रुपए की सट्टा-पट्टी भी पुलिस ने बरामद की है। लालबाग थाना प्रभारी और प्रशिक्षु मयंक रणसिंह और चिखली पुलिस चौकी प्रभारी उनि चेतन चंद्राकर ने संयुक्त कार्रवाई करते चिखली निवासी राकेश देवांगन और तुलसीपुर के राजेश अग्निहोत्री को पकड़ा है।
वहीं राजधानी में पहली बार पुलिस ने क्रिकेट सटोरियों के दो मोबाइल फोन से ऐसे दो एप पकड़े जिनमें क्रिकेट भी लाइव चल रहा था और उसी स्क्रीन पर साइड में सट्टे के भाव भी। पुलिस के साइबर विशेषज्ञों ने इन एप्लीकेशन के पकड़े जाने के बाद इंटरनेट पर सर्च किया तो ऐसे 5 एप और मिले, जिनमें आईपीएल मैच लाइव था और इंटरनेशनल लेवल पर सट्टे के भाव चल रहे थे।
जांच में खुलासा हुआ कि सभी एप मुंबई के बड़े खाईवाल संचालित कर रहे हैं। सटोरियों से पूछताछ में यह बात भी आई कि बड़े खाईवालों ने पासवर्ड दिया, उसके बाद ही यहां क्रिकेट सट्टे का सीधा संचालन शुरू हुआ। जिन मशीनों के जरिए यह काम हो रहा था, उन्हें जब्त कर लिया गया है।
पुलिस ने सटोरियों से कई हाईटेक मशीनें जब्त की है। इसमें कॉल रिसीवर और एक्सचेंज मशीनें है। सटोरिए हमेशा सट्टा खेलने वालो के दो नंबर जारी करते हैं, जिसमें कॉल करके दांव लगा सकते है। इन दोनों नंबरों पर आने वाले कॉल को 17 मोबाइल हैंडसेट से रिसीव किया जा सकता है। यह एक मशीन के जरिए होता है, ताकि कोई भी काॅल इंगेज न मिले। इन मशीनों में हर काॅल को ऑटोमेटिक रिकॉर्ड करने की सुविधा भी है।
सायबर सेल ने सटोरियों से जब्त मोबाइल से चैट भी रिट्रीव की है। इस चैट के आधार पर ही कई सटोरिए पकड़े गए हैं। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर ने एप पर सीधे ग्रुप बनाए हैं और दांव ग्रुप वाले ही लगा रहे हैं। यही नहीं, पकड़े गए सभी एप ई-मेल से लेकर सोशल मीडिया तक से कनेक्ट हो सकते हैं, इसलिए सटोरिए इनका पेमेंट करके इस्तेमाल कर रहे हैं।