गरियाबंद। जिले में ठगी का एक दिलचस्प मामला सामने आया है। जिसमें सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर दो सगे भाइयों ने एक युवक से 3.5 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी दोनों भाई शिक्षाकर्मी हैं और रायपुर में पदस्थ हैं। युवक का यह भी आरोप है कि दोनों भाइयों ने फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल की है। इसकी शिकायत करीब 12 साल बाद गरियाबंद एसपी से की गई। इस पर आरंग थाने में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, गरियाबंद में फिंगेश्वर के रजकट्टी गांव निवासी थानूराम साहू बेरोजगार था। साल 2008 में पड़ोसी गांव पत्थर्री निवासी दो भाइयों भेखलाल साहू और खेमलाल साहू की शिक्षाकर्मी के पद पर नौकरी लगी। आरोप है कि दोनों भाइयों ने थानूराम को ऊंची पहुंच होने का झांसा दिया और सरकारी नौकरी लगवाने की बात कही। इस पर थानूराम ने कर्ज से रुपयों का जुगाड़ कर 3.5 लाख रुपए दे दिए।
पहले इकरारनाम, फिर गए मुकर
रकम लेने के बावजूद थानूराम की नौकरी नहीं लगी। थानूराम का कहना है कि वह रुपए लौटाने की बात करता तो आरोपी टाल जाते। इस पर उसने गांव में पंचायत बुलाई। इसमें दोनों भाइयों ने रुपए लेने की बात स्वीकारी और किस्तों में लौटाने को तैयार हो गए। हालांकि फिर भी रुपए नहीं दिए और दोबारा बुलाई गई पंचायत में थानूराम को पहचानने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद पंचायत ने पुलिस में जाने की सलाह दी।
ठग भाईयों की मार्कशीट पुलिस को सौंपी
थानूराम ने दोनों भाइयों पर फर्जी मार्कशीट और अनुभव प्रमाणपत्र से नौकरी करने का भी आरोप लगाया है। आरोप है कि दोनों भाइयों ने फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर शिक्षाकर्मी ग्रेड-3 में नौकरी हासिल की। इसके बाद 12 साल से वेतन ले रहे हैं और सरकार से धोखाधड़ी की है। थानूराम ने नौकरी के दौरान लगाई गई मार्कशीट और इंटरनेट से निकाली दोनों भाइयों की मार्कशीट की कॉपी भी पुलिस को सौंपी है।