रायपुर। कोरोना काल के बीच छत्तीसगढ़ में सभी अभयारण्य, टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क को 15 अक्टूबर से खोलने की तैयारी वन विभाग ने की है। दरअसल देश भर में एक अक्टूबर से नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए खोल दिए जाते हैं, लेकिन इस बार 15 दिन पहले ही इसे खोलने की योजना बनाई गई है। यही नहीं, कोरोना से पर्यटकों को बचाने के लिए वन विभाग ने गाइडलाइन भी तैयार की है। पर्यटकों को अपने साथ में सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा, वहीं वन विभाग भी सैनिटाइजर उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा पर्यटन स्थलों पर रुकने वाले पर्यटकों की सुविधाओं में कटौती भी होगी। पर्यटकों को अपने साथ तौलिया, साबुन, कंबल और सोने के लिए चादर लेकर आना पड़ेगा। सैर के दौरान पर्यटकों को जंगल में मास्क फेंकने की अनुमति नहीं होगी। खुद ही इसे जलाना पड़ेगा या फिर साथ लेकर जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती, कांगेर वैली और गुरु घासीदास नेशनल पार्क होने के साथ 11 अभयारण्य हैं। इसके साथ ही अचानकमार, इंद्रावती और उदंती-सीतानदी तीन टाइगर रिजर्व हैं। यहां पर हर साल हजारों की संख्या में राज्य के साथ दूसरे प्रदेशों के भी पर्यटक सपरिवार घूमने पहुंचते हैं। इस बार बारिश अच्छी होने की वजह से बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना को ध्यान में रखकर वन विभाग ने 15 दिन पहले ही पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल खोलने की योजना बनाई है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए पर्यटन स्थलों पर आने वाले लोगों के लिए कई बदलाव किए गए हैं। जंगल की सैर के दौरान सख्त नियमों का पालन पर्यटकों को करना होगा। दरअसल वर्तमान में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हर आदमी मास्क पहन रहा है। यही मास्क जंगल में फेंकने से पर्यटकों के साथ जंगली जानवरों, पशु-पक्षियों के लिए संक्रमण पैदा कर सकता है। लिहाजा इस बात को ध्यान में रखते हुए खुले और डस्टबिन में मास्क फेंकने पर रोक होगी। मास्क को खुद पर्यटक साथ लेकर जायेगे या फिर उसे जलाना होगा। सैनिटाइजर साथ रखना अनिवार्य होगा।