बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी ऋचा जोगी के जाति विवाद को सियासत गर्म हो गई है। अब छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला ले लिया है। अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है।
समिति के नोटिस का ऋचा को आज जवाब देना था उधर कोरोना काल का हवाला देकर ऋचा ने समिति से जवाब प्रस्तुत करने की मोहलत मांगी है। मुख्य शिकायतकर्ता संतकुमार नेताम ने मामले में पहले ही हाईकोर्ट में कैविएट लगाया है।
अमित जोगी ने कहा देश की न्याय व्यवस्था मुझे अटूट विश्वास है हर बार की तरह इस बार भी मुझे न्याय मिलेगा, कांग्रेस की सरकार चाहे जितने भी हथकंडे अपना ले, असली नकली का फैसला मरवाही की जनता की असली अदालत में होगा, अमित जोगी आदिवासी था, आदिवासी है, आदिवासी रहेगा और मरवाही से ही चुनाव लड़ेगा।
ऋचा जोगी ने सोमवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अधिनियम 2013 के संशोधन और जिला समिति के नोटिस को चुनौती दी है। साथ ही कांग्रेस पर जाति प्रमाण पत्र रद्द करवा कर मरवाही उपचुनाव लड़ने देने से रोकने का आरोप भी लगाया है।
ससुर अजीत जोगी के निधन के कारण मरवाही सीट में उप चुनाव होने जा रहे है, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी विद्वेष की भावना से काम कर रही है। ऋचा जोगी ने आरोप लगाया है कि उनको चुनाव से लड़ने से रोकने की योजना के तहत जिला छानबीन समिति नोटिस जारी किया है।
उन्होंने समिति से 7 दिन का समय मांगा है, क्योंकि दस्तावेज पंजीयक कार्यालय में हैं। उसे लेने के लिए आवेदन किया है, पर स्टाफ के संक्रमित होने से ऑफिस बंद है। फिर भी ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस जाति प्रमाण पत्र रद्द कर चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है।
ऋचा जोगी ने अपनी याचिका में बताया है कि उनके पूर्वज 1950 के पहले से ही मुंगेली के पास रहते आ रहे हैं। सारे दस्तावेज में वो गोंड जाति की हैं। उनके पति अमित जोगी और ससुर स्व. अजीत जोगी मरवाही से विधायक रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में अमित जोगी ने कहा कि- ‘जब देश में कानून का राज्य, संविधान पर राज समाप्त हो जाए। ऐसे में लोगों के पास न्याय के मंदिर में जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखता।
मेरी जाति का फैसला असली अदालत में होगा, भूपेश बघेल की नकली अदालत में नहीं। या तो मरवाही की जनता के सामने असली अदालत में होगा यानी माननीय न्यायालय में। मैं भूपेश बघेल की नकली अदालत का एक फैसला नहीं मानूंगा।’