बिलासपुर – छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की बहू और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी डॉ. ऋचा जोगी ने मुंगेली जिला स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति के 08 अक्टूबर 2020 को डॉ. ऋचा जोगी की जाति मामले की प्रथम सुनवाई के दौरान दिए गए पत्र का जवाब समिति को भेजा है।
डॉ. ऋचा जोगी ने अपने जवाब में कहा है कि 08 अक्टूबर को समिति ने उन्हें 29 सितम्बर 2020 को जारी किये गए कारण बताओ नोटिस और उनके विरुद्ध की गयी शिकायत की प्रति उपलब्ध करवाई गयी जिसके लिए वे समिति सदस्यों की आभारी हैं। ऋचा ने कहा है कि 08 अक्टूबर को समिति ने उनसे आवेदन की मूल प्रति मांगी थी।
उन्होंने आवेदन चॉइस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन किया था। चॉइस सेंटर के कर्मचारी को सभी दस्तावेज दिखाने के बाद ही यह फॉर्म ऑनलाइन भरा गया था। डॉ. ऋचा जोगी के भाई ने 08 अक्टूबर को समिति का पत्र मिलने के तुरंत बाद मुंगेली कलेक्टर के पास ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध करवाने का आवेदन दिया था । उनके भाई ने स्वयं के जाति प्रमाण पत्र के लिए भी चॉइस सेंटर से आवेदन किया था। कलेक्टर मुंगेली को दिए गए आवेदन में डॉ. जोगी के भाई ने स्वयं के आवेदन से सम्बंधित दस्तावेज भी मांगे हैं। लेकिन आज तक उन्हें मुंगेली कलेक्टर कार्यालय से दस्तावेज नहीं मिले हैं।
डॉ. ऋचा जोगी ने कहा कि समिति के पत्र में उनसे 1950 से पहले का राजस्व दस्तावेज (मिसल) और 02 जून 1940 के बिक्रीनामे की मूलप्रति मांगी गयी थी। डॉ. जोगी ने उक्त सभी रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति समिति के सामने प्रस्तुत कर दी थी। सभी मूल दस्तावेज बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार के पास जमा हैं जिन्हे लेने उनके भाई गए थे।
लेकिन बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय 07 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2020 तक बंद है जिस वजह से उन्हें यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। डॉ. जोगी ने मांग की है कि उन्हें ये सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए 7 दिनों का और समय दिया जाए।
डॉ. ऋचा जोगी ने यह भी लिखा है कि समिति ने उन्हें शिकायत की जानकारी 08 अक्टूबर 2020 को दी और सिर्फ 4 दिन बाद यानी 12 अक्टूबर 2020 को अगली सुनवाई रख दी । जिस के बीच में 2 दिन शनिवार और रविवार को दफ्तरों की छुट्टी थी। इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए जरुरी दस्तावेज समय पर अभी तक नहीं मिल पाए हैं। इसलिए समिति को आज की मीटिंग स्थगित करके उन्हें कम से कम 10 दिनों का समय और देना चाहिए।
डॉ. ऋचा जोगी ने कहा है कि वो 2 माह के बच्चे की माँ हैं जिसे लगातार ब्रेस्टफीड और मातृत्व केयर की जरुरत है । कोरोना महामारी को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन और आईसीएमआर की गाइडलाइन्स के अनुसार 10 दिनों बाद समिति डॉक्टरों की निगरानी में कोरोना मुक्त वातावरण में सुनवाई करें।