कहते हैं जब राजा हो चुस्त तो शासन खुद ब खुद हो जाएगा दुरुस्त….ये कथनी सच साबित होती दिख रही है बिलासपुर में । जहां पर कलेक्टर सारांश मित्तर के आते ही वर्षों से रुके पड़े निर्माण कार्यों में तेजी देखने को मिल रही है। बिलासपुर के चकरभाठा एयरपोर्ट में पिछले 9 महीनों से रुका हुआ काम अब फिर से शुरु हो होगा। इसके लिए कलेक्टर सारांश मित्तर ने युद्ध स्तर पर जुटे थे। बिलासपुर एयरपोर्ट की तैयारियां 3 सी लाइसेंस के अनुरुप होनी थी। जिसके लिए बाउंड्री वाल का काम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था। इसके लिए रक्षा विभाग से कलेक्टर सारांश मित्तर से बात की और जो भी कागजी कार्रवाई थी उसे पूरा किया। जिसके बाद 9 महीने से बंद पड़े काम को हरी झंडी मिल गई है । बाउंड्री के बन जाने के बाद 3सी लेवल को लेकर किसी भी तरह की कोई भी पेंडिंग अब प्रशासनिक स्तर पर नहीं रहेगी।
कहां अटका था मामला ?
राज्य शासन ने साल 2016 में तिलसरा गांव की 75 एकड़ घास जमीन सेना को छावनी निर्माण के लिए दी थी । ये जमीन 3सी लेवल को पूरा करने के लिए एय़रपोर्ट के जद में आ रही थी। लिहाजा रक्षा मंत्रालय इस जमीन पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दे रहा था। बाउंड्रीवाल का निर्माण इसी जमीन पर होना था। इस समस्या से कलेक्टर सारांश मित्तर ने राज्य शासन को अवगत कराया था कि क्यों एयरपोर्ट का काम पूरा होने में देरी हो रही है। कलेक्टर के पत्र के बाद राज्य शासन ने सेना को आवंटित उक्त जमीन को रद्द कर दिया। जिससे अब वहां बाउंड्रीवाल के निर्माण को लेकर आ रही अड़चनें खत्म हो गई हैं।
BREAKING NEWS- राज्य शासन ने बिलासपुर में सेना को दी हुई जमीन का आदेश किया रद्द, कलेक्टर सारांश मित्तर के प्रयासों से एयरपोर्ट के काम में आई तेजी
राज्य शासन के सेना को दी गई जमीन को रद्द करने का आदेश
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