रायपुर। छत्तीसगढ़ी फ़िल्म अभिनेता एवं लोकगायक अनुज शर्मा को संस्कृति मंत्रालय के “सांस्कृतिक समारोह अनुदान योजना” में विशेषज्ञ समिति का सदस्य बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। गठित एक्सपर्ट टीम में पद्मश्री से सम्मानित अनुज शर्मा के साथ देश के अन्य राज्यों से भी संस्कृति और थिएटर से जुड़े लोग भी शामिल किए गए हैं।
बीते दिनों इसी योजना के अंतर्गत, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली में 5 से 8 अक्टूबर के बीच आयोजित एक्सपर्ट टीम की मीटिंग में अनुज शर्मा भी शामिल थे। अनुज शर्मा ने अपने एक्सपर्ट समिति के पहले अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के कलाकारों और संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों को इस योजना से उपयुक्त लाभ दिलाने में सहयोग करेंगे।
गौरतलब है कि अपने 20 साल के करियर में अनुज शर्मा ने अपनी गायिकी और अभिनय के ज़रिये छत्तीसगढ़ को विश्वपटल पर ख्याति दिलवाई है। वे यूनिसेफ से भी छत्तीसगढ़ में हो रहे विभिन्न अभियानों से जुड़ें हुए हैं एवं कोरोना काल में सबसे ज्यादा उपयोगी आरोग्य सेतु एप के विज्ञापनों में भी दिखाई दिए हैं और अब भारत सरकार की इस योजना से जुड़कर छत्तीसगढ़ के नाम एक और उपलब्धि हासिल की है।
केंद्रीय संस्कृति विभाग द्वारा भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर सेमिनार, अनुसंधान, कार्यशालाएं, उत्सव तथा आयोजित प्रदर्शनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए “सांस्कृतिक समारोह अनुदान योजना” की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत सभी ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, ट्रस्टों और विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। इसी योजना को बढ़ावा देने एवं इसका सुचारू रूप से क्रियान्वयन हेतु संस्कृति विभाग द्वारा एक्सपर्ट टीम का गठन किया गया है। इस एक्सपर्ट टीम में विभिन्न प्रदेशों के संस्कृति से जुड़े लोगों को नियुक्त किया गया है।
इस योजना के बेहतर कार्य के लिए अध्यक्ष के रूप में संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय को नियुक्त किया गया है, साथ ही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी एवं साहित्य अकादमी के सचिव भी इस एक्सपर्ट टीम का हिस्सा रहेंगे। सीएफपीजी की योजना के तहत अनुदान पर विचार किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए गठित एक्सपर्ट टीम द्वारा सिफारिश की जाएगी। यही टीम द्वारा आवेदनों की जांच वर्ष भर में समय-समय पर आयोजित बैठकों के दौरान की जायेगी, जो अनुदान के लिए धन और आवेदनों की उपलब्धता के अधीन होगी। एक्सपर्ट टीम की सिफारिश के विभिन्न संस्थानों को प्रति परियोजना में व्यय का 75% या अधिकतम 5 लाख रुपए तक का अनुदान दे सकती है।