इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र से प्रारंभ हो रही है और नवरात्रि अत्यंत सुख और समृद्धि प्रदान करने वाली होगी इस बार के नवरात्रि पूरे नव दिन की ही रहेगी किसी भी स्थिति का टूटना नहीं है।
नवरात्रि में प्रथम दिन स्थापना होगी जो कि अभिजीत मुहूर्त में रहेगी।
इस बार महत्वपूर्ण है कि जिस दिन घट स्थापना हो रही है उसी दिन सुबह सूर्य लग्न में नीच का होगा या अत्यंत दुर्लभ घटना है जो कि लगभग 20 वर्षों के बाद हो रही है इस नवरात्रि में कलश स्थापना सुबह 8:16 से लेकर 10:36 तक का वृश्चिक लग्न के के मुहूर्त में सुबह 11:36 से 12:24 तक अभिजीत मुहूर्त मे, समय दोपहर 2:24 से लेकर 3:59 तक कुम्भ लग्न में और इसके बाद रात 7:13 से लेकर 9:12 तक का ऋषभ लग्न के मुहूर्त में होगा.
प्रथम दिन –
नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को माता शैलपुत्री का होगा यह दिन गाय के दूध से बने हुए व्यंजनों का भोग लगेगा माता की पूजा करने से मंगल ग्रह की शांति होगी.
द्वितीय तिथि –
रविवार को मां ब्रह्मचारिणी की आराधना होगी इस दिन माता को शक्कर का भोग लगेगा इस दिन माता की आराधना करने से गुरु ग्रह की शांति होगी.
तृतीय तिथि –
सोमवार को मां चंद्रघंटा की आराधना होगी इस दिन माता को घी का भोग लगेगा इस दिन माता पूजा करने से बुध ग्रह की शांति होगी.
चतुर्थी तिथि –
मंगलवार को मां कुष्मांडा का दिन है यह दिन माता को मालपुआ का भोग लगेगा इस दिन पूजा करने से शनि ग्रह की शांति होगी.
पंचमी तिथि –
बुधवार को मां स्कंदमाता का दिन है इस दिन माता को केला का भोग लगेगा इस दिन पूजा करने से राहु ग्रह की शांति होती है.
षष्ठी तिथि –
गुरुवार को मां कात्यायनी का दिन है इस दिन माता को शहद का भोग लगेगा किस दिन पूजा करने से केतु ग्रह की शांति होगी.
सप्तमी तिथि –
शुक्रवार को मां कालरात्रि का दिन है इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाया जाएगा इस दिन पूजा करने से शुक्र ग्रह की शांति होती है.
अष्टमी तिथि –
शनिवार को मां गौरी का दिन है इस दिन माता को नारियल का भोग लगेगा किस दिन पूजा करने से सूर्य ग्रह की शांति होती है.
और हवन अष्टमी तिथि को ही किया जाएगा.
नवमी तिथि –
रविवार को इस दिन सिद्धिदात्री का दिन होगा इस दिन माता को धान की लाई का भोग लगेगा इस दिन पूजा करने से चंद्र ग्रह की शांति होती है.
दशहरा उत्सव –
दशहरा सायं काल व्यापिनी होता है इस दिन 25 अक्टूबर को ही रविवार को सुबह नवमी मनाई जाएगी और शाम को दशहरा मनाया जाएगा वही अष्टमी का हवन शनिवार को किया जाएगा.