नई दिल्ली। भारत में शनिवार को रूसी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी दे दी गई। भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने कोरोना वायरस के खिलाफ रूस की वैक्सीन ‘स्पुतनिक-5(Sputnik V) के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि जुलाई 2021 तक देश में कोरोना वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ डोज़ उपलब्ध कराने को कहा है।
भारत की बात करें तो यहां फिलहाल तीन कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। यह तीनों टीके ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं। आइए जानत हैं भारत में चल रहे तीनों टीकों और उनके ट्रायल के बारे में…
1. कोवाक्सिन(Covaxin)
कोवाक्सिन(Covaxin) भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है। इस वैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) और भारत बायोटेक कंपनी विकसित कर रही है। यह एक इनऐक्टिवेटेड वायरस वैक्सीन है। इस वैक्सीन का ट्रायल दूसरे चरण से गुजर रहा है। खबरों के मुताबिक, वैक्सीन की कीमत काफी कम रखी जाएगी।
2. जायकोव-डी (Zycov-D)
जायकोव-डी (Zycov-D) देश की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है। इसे भारत की बड़ी फॉर्मा कंपनी जायडस कैडिला(Zydus Cadiila) ने विकसित किया है। यह एक तरह की डीएनए आधारित वैक्सीन (DNA Based Vaccine) है। यह वैक्सीन भी ह्यूमन ट्रायल के दूसरे चरण से गुजर रही है। इसकी कीमत को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
3. कोविशील्ड(Covishield)
कोविशील्ड(Covishield) भारत में ट्रायल में शामिल तीसरी वैक्सीन है। इसे ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी(Oxford University) और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका(Astrageneca) ने तैयार किया है। यह नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है। भारत में एस्ट्राजेनेका से करार के तहत पुणे की कंपनी सीरम इंडिया इंस्टिट्यूट(Serum Institute of India) इसे तैयार कर रही है। देश में यह वैक्सीन फिलहाल दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल से गुजर रही है।