रायपुर। देश में कोरोना काल को 7 महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है। इस दौरान कई छोटे-बड़े त्यौहार बीतते चले गए और बाजार खुल तक नहीं पाया। दो राय नहीं कि देश में हालात अब भी पूरी तरह से नियंत्रित नहीं है। आने वाला समय और भी ज्यादा परेशानियों से भरा हो सकता है, इसकी आशंका भारत सरकार के साथ ही डब्लूएचओ ने भी व्यक्त किया है। दूसरी तरफ बीते सात महीनों से घर में कैद लोग बुरी तरह से झूंझला गए हैं, तो व्यापार जगत भी हलाकान हो गया है। बीते सात महीनों में जो बीत चुका, सो बीत चुका, पर इस दीवाली हर किसी को बड़ी उम्मीद नजर आने लगी है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी का मानना है कि देश की जनता दीवाली के लिए मन बना चुकी है और साल के सबसे बड़े पर्व को मनाने के लिए उत्सुक है। बीता समय परेशानियों से भरा हुआ था, जिसकी वजह से देश की जनता ने भी खुद को घरों में कैद कर लिया था। परिस्थितियों की वजह से हर किसी ने समझौता किया है। वहीं परवानी का कहना है कि इससे एक बड़ी अच्छी बात यह है कि देश में आत्मनिर्भरता बढ़ी है। चीन के सस्ते सामान के लिए अब भारत तैयार नहीं है, बल्कि देशी उत्पादों की तरफ सबकी निगाहें है।
परवानी ने कहा कि चीन को राखी पर करीब 5000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा तो वही गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ की चपत खानी पड़ी। व्यापारियों ने जहाँ एक तरफ इन त्योहारो में चीनी सामानों को बेचने का पूरी तरह बहिष्कार किया तो वही लोगो ने भी चीनी सामानों की खरीदारी करने इस इनकार किया। इस ट्रेंड और लोगों में भारतीय सामानों को लेकर बढ़ते क्रेज को देखते हुए इसका आसान अनुमान लगाया जा सकता है कि इस दीवाली पर चीन को 40 हजार करोड़ का झटका लगने वाला है। जिसकी पूर्ति हमारा देशी बाजार करेगा।