नयी दिल्ली। कृषि कानून और हाथरस मामले को लेकर कांग्रेस ने नए आंदोलन का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने 31 अक्टूबर को पूरे देश मे किसान अधिकार दिवस और और पांच नवंबर को महिला एवम दलित उत्पीड़न विरोधी दिवस मनाने का ऐलान किया है। इसके लिए सभी प्रदेश कांग्रेस और जिला कांग्रेस को निर्देश दिए गए है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक के बाद संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी आंदोलन को जारी रखेगी। इसके तहत पार्टी 31 अक्टूबर को किसान अधिकार दिवस मनाएगी। इस दिन सरदार पटेल का जन्मदिन और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। पार्टी ने सभी राज्य इकाइयों को इस दिन सत्याग्रह और उपवास करने के निर्देश दिए है।
इसके साथ पार्टी ने पांच नवंबर को महिला एवम दलित उत्पीड़न विरोधी दिवस पर राज्य स्तर पर धरना देने का फैसला किया है। वेणुगोपाल में कहा कि इस बार 14 नवंबर को दीवाली है। इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन से एक दिन पहले पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर नेहरू और उनके योगदान विषय पर सम्मेलन करेगी। पार्टी ने क़ृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश मे हस्ताक्षर अभियान को और तेज करने का भी फैसला किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। सोनिया ने पार्टी की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही जिसमें कृषि कानूनों और दलितों पर कथित अत्याचार के मामलों पर देशभर में विरोध प्रदर्शनों की रूपरेखा पर विचार किया गया।
कांग्रेस महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोनिया गांधी ने तीन कृषि कानूनों, कोविड-19 महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की हालत और दलितों के खिलाफ कथित अत्याचार के मामलों पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी ने केंद्र में भाजपा नीत सरकार की ‘किसान विरोधी, महिला विरोधी, गरीब विरोधी और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करने का फैसला किया है।