श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के लारूनू इलाके में शनिवार को हुई मुठभेड़ को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। इस मुठभेड़ में एक आतंकी को सेना के जवानों ने मार गिराया था। इसके बाद पुलिस ने आतंकी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर की थी। हालांकि अब उसकी पहचान एक पूर्व सीआरपीएफ कॉन्स्टेबल के तौर पर की जा रही है।पंडित के भाई मुहम्मद हबन ने कहा, “वह यहां कश्मीर में 181 बटालियन में तैनात था और मणिपुर में भी ड्यूटी कर चुका था।”
क्यों छोड़ी थी सेना की नौकरी ?
“घरेलू परेशानियों के कारण सेना की नौकरी छोड़ दी।” सीआरपीएफ छोड़ने के बाद से, तौसीफ और उसका भाई पुलवामा में एक क्रॉकरी की दुकान चला रहे थे। तौसीफ इस साल 16 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल हुआ था। शनिवार तड़के अनंतनाग जिले के लारनू इलाके में गोलाबारी हुई थी, जहां दो अन्य आतंकवादी फंस गए थे लेकिन भागने में सफल रहे। गोलाबारी के बाद, पुलिस ने कहा था कि मारे गए आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर का एक IED स्पेशलिस्ट था।
कैसे हुई आतंकी की पहचान
हबन ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की इसके बाद सोशल मीडिया पर उसकी कुछ फोटो सामने आई। इस दौरान तौसीफ की कुछ फोटो सामने आई तो मैने ही ने उनके कुछ सामान को पहचान लिया और स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे। “वे तब तक उसे दफना चुके थे। लेकिन उन्होंने हमें उसके चेहरे की तस्वीरें दिखाईं और हमें पूरा यकीन था कि यह वास्तव में मेरा भाई था।
आईजी ने किया कंफर्म
पुलिस महानिरीक्षक (IGP) कश्मीर विजय कुमार ने पुष्टि की है कि मारे गए व्यक्ति वास्तव में पुलवामा का था। कुमार ने कहा, “वह पुलवामा के पूर्व सीआरपीएफ कर्मी और लश्कर का एक आतंकवादी था।”