चुनावी माहौल में रूपयों की अफरा-तफरी सामान्य बात हो गई है, लेकिन वास्तव में यह मनी लांड्रिंग अपराध के तहत आता है। बिहार में विधानसभा चुनाव की गरमाहट इन दिनों चरम पर है, ऐसे में पुलिस भी सख्ती से अपने काम में जुटी हुई है। इस सख्ती के चलते ही पुलिस को तलाशी के दौरान नोटों के बंडल से लदी कार मिली, जिसमें नोटों को कार के अलग-अलग हिस्सों में छिपाकर रखा गया था। यदि कार में सवार लोगों ने विरोध नहीं किया होता, तो शायद संभव था पुलिस इतनी सख्ती नहीं दिखाती और रूपयों से भरी कार चेक-पोस्ट पार भी कर जाती।
उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव को देखते हुए पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी है। चेकिंग के दौरान एनएच 31 पर बंगाल बॉर्डर पर बनाए गए चेकपोस्ट पर गाड़ियों की जांच के दौरान पुलिस ने 65 लाख रुपये बरामद किए. रविवार शाम को रामपुर मद्य निषेध चेकपोस्ट पर 60 लाख और फरिगोड़ा चेक पोस्ट पर पांच लाख रुपये जब्त किेए गए। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। रामपुर चेक पोस्ट पर दालकोला की दिशा से आ रही डब्ल्यूबी 08 जी 3216 नंबर की इनोवा क्रिस्टा कार को रोका गया था। गाड़ी के रुकते ही कार में बैठे लोग जांच का विरोध करने लगे, जिससे पुलिस का शक हुआ और तलाशी के दौरान कार में अलग-अलग हिस्सों में नोटों को छुपा कर रखा गया था। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने फौरन आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी।
सच्चाई जानने के प्रयास में पुलिस
पूछताछ के दौरान कार सवार जमशेदपुर निवासी सुबलू चैधरी ने बताया कि वो कोलकाता स्थित चाय कंपनी में काम करते हैं। बंगाल के चालसा स्थित सैमसंग टी स्टेट में लेबर पेमेंट करने के लिए वह कोलकाता से रुपये लेकर चालसा जा रहे थे, लेकिन कार के विभिन्न स्थानों में रुपये छिपा कर रखे जाने के सवाल पर सुबलू ने बताया कि कंपनी के द्वारा रुपये सेट कर दिया गया है।
शातिराना ढंग से छिपाया गया था
इस मामले में एसडीएम शहनवाज अहमद नियाजी किशनगंज का कहना है कि बिहार विधानसभा को लेकर किशनगंज पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बिहार बंगाल सीमा पर वाहन चेकिंग के दौरान 65 लाख रुपये जब्त किए गए। अब पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। रुपयों को गाड़ी के अंदर बड़ी चलाकी से छुपा कर रखा गया था।