कोरबा। रेलवे फाटक के एक गेटकीपर की रक्तरंजित अवस्था में लाश केबिन से करीब 40 मीटर दूर मिली। फावड़ा से बुरी तरह सिर कुचल कर हत्या करने के बाद शव को घसीट कर सड़क किनारे फेक दिया गया। मौके पर संघर्ष करने के निशान मिले हैं। केबिन में रखे फावड़े का इस्तेमाल हत्या के लिए किया गया। एक से अधिक आरोपितों की आशंका व्यक्त की जा रही। परिस्थितिजन्य साक्ष्य से अनुमान लगाया जा रहा कि मौत होने के बाद भी गुस्से से सिर को बुरी तरह कुचला गया।
कोयला लेकर कोरबा स्टेशन से रविवार को रवाना हुई मालगाड़ी के लोको पायलट को सिग्नल नहीं मिलने पर रात 11 बजे नवलपुर रेलवे फाटक से पहले गाड़ी रोकना पड़ा। पायलट केबिन पहुंच कर गेटकीपर हरेश कुमार 30 साल की तलाश की, पर वह वहां नजर नहीं आया। इसकी सूचना पायलट ने रेलवे के अधिकारियों को दी और टीम मौके पर पहुंची। आसपास तलाश किए जाने पर केबिन से करीब 40 मीटर दूर रेलवे क्रासिंग के उस पार सड़क किनारे उसकी लाश पड़ी मिली। यह देख अधिकारी सकते में आ गए। इसकी सूचना उरगा पुलिस को दी गई। मौके पर सीएसपी कोरबा राहुल देव शर्मा, उरगा टीआई लखन लाल पटेल पुलिस टीम के साथ सोमवार की सुबह पहुंचे। घटनास्थल के इर्द गिर्द खंगाला गया तो खून से लथपथ एक फावड़ा झाड़ियों के बीच मिला। जांच के बाद पुलिस ने जो थ्योरी तैयार किया है, उसके अनुसार केबिन के बाहर ही हरेश पर अटैक किया गया है। जिस तरह से संघर्ष के निशान मिले हैं, उससे दो से तीन आरोपितों के होने का अंदाजा लगाया जा रहा। बहरहाल पुलिस हत्या का मामला पंजीबद्ध कर इस अंधे कत्ल को सुलझाने में लगी है।
केबिन में रखे फावड़ा को बनाया हथियार
सड़क में जहां लाश मिली है, उससे करीब 25 मीटर दूर झाड़ियों के बीच फावडा को फेंक दिया गया था। पुलिस का मानना है कि फावड़ा छिपाने की नीयत से आरोपितों ने घटना के बाद ऐसा किया। मौके पर पहुंची
पुलिस डाग फावड़ा का गंध लेने के बाद सीधे केबिन की ओर भागा। यहां से वापस घटनास्थल लौटा, तब पुलिस को पता चला कि यह फावड़ा केबिन में ही रखा था। जिसका इस्तेमाल आरोपियों ने किया। इससे पुलिस को यह पता चला कि आरोपित अपने साथ हथियार नहीं लाए थे।