नई दिल्ली। देश में इस शिक्षण सत्र की शुरूआत अभी तक नहीं हो पाई है। कोविड-19 की वजह से जिन स्कूलों को मार्च से खुल जाना चाहिए था, अभी तक उनमें ताले लटक रहे हैं। हालात के चलते केंद्र सरकार से लेकर राज्य की सरकारें भी स्कूलों को खोलने को लेकर निर्णय इसलिए नहीं ले पा रही हैं, क्योंकि बच्चों के संक्रमित होने का डर सता रहा है। इस बीच अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों को खोले जाने का आदेश दे दिया है, हालांकि इसमें छोटे बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा। केवल कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। वह भी तब जब पालकों की सहमति होगी।
मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक अब केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे सगंठनों ने भी देश भर के अपने स्कूलों को खोलने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फिलहाल स्कूलों को खोलने की जो तैयारी की है, वह उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित राज्यों में स्कूलों के खोलने की अनुमति मिलने के बाद शुरू की है। संगठन से जुड़े सूत्रों की मानें तो स्कूलों को वैसे तो तुरंत ही खोलने की अनुमति दे दी जाती है, लेकिन 21 अक्टूबर से स्कूलों में त्योहारी छुट्टियां शुरू हो रही है, जो दस दिनों की हैं।
ऐसे में स्कूलों को दो नवंबर से खोलने की योजना बनाई गई है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूलों को इससे पहले 21 सितंबर में भी खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया था देश भर में करीब 1,250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते हैं।
इधर, कोरोना संकट के चलते करीब सात महीनों से बंद पड़े स्कूलों के फिर से खुलने का सिलसिला शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में सोमवार से स्कूल खोल दिए गए हैं। ऐसे में अभिभावकों से राय ली जा रही है। गृह मंत्रालय ने अनलॉक-5 के लिए जारी दिशा-निर्देशों में 15 अक्टूबर के बाद से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी थी। इसके बाद ही स्कूलों के खुलने का सिलसिला शुरू हुआ है। हालांकि, अभी सिर्फ नौवीं से बारहवीं तक के ही बच्चों को बुलाने की अनुमति दी गई है।
यह है शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को खोले जाने के दौरान अपनाए जाने वाले सुुरक्षा मानकों का भी एलान किया है। इसमें छात्रों के लिए पूरे समय मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही लंच और पानी की बोलत के साथ सैनिटाइजर को भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। अभिभावकों की अनुमति का प्रमाण पत्र साथ लाने वाले छात्रों को ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी भी ज्यादातर राज्य स्कूलों को खोलने को लेकर उहापोह में हैं। वहीं केंद्र ने साफ किया है कि स्कूलों को खोलने के लिए राज्यों की अनुमति जरूरी होगी।