प्रेम और हास्य रंग के मशहूर कवि कुमार विश्वास अपनी बेबाकी के खूब जाने जाते हैं। मौकों पर अपनी बातों से चैका मारने में उनका कोई मुकाबला नहीं है। उनके एक शब्द में कई रहस्य होते हैं, जिसकी पूरी दुनिया कायल है। ऐसा ही एक वाक्या हाल ही में हुआ है, जब उन्होंने अपनी बेबाकी और शब्दों में पकड़ की कुशाग्रता का परिचय फिर से कराया है। जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
जी हां, दरअसल कुमार विश्वास की फारच्यूनर कार चोरी हो गई थी, जो काफी लंबे इंतजार के बाद ही सही, पर वापस मिल गई है। इस पर काफी लोगों ने उन्हें बधाई दी तो एक शख्स ने बधाई के साथ लिख लिख दिया कि ’पार्टी तो बनती है’। आमतौर पर लोग इस तरह से कहते हैं, और सामान्य लोग अपने तरीके से जवाब भी देते हैं, लेकिन इस मामले में युवा कवि कुमार विश्वास का अंदाज बिल्कुल अलग और निराला है।
उस शख्स को कवि कुमार विश्वास ने ट्वीर पर जवाब दिया, ’’बनाई तो थी, चुर गई’’। अब इसका सीधा मतलब आमतौर पर लोगों को समझ नहीं आएगा। क्योंकि वास्तव में इसका सीधा मायना नहीं है।
बनाई थी, चुर गयी 😂😂 https://t.co/eyn6qIGaQ7
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 19, 2020
इस लाइन के जरिए कवि कुमार विश्वास ने 7 साल पहले के दर्द को बयान कर दिया है, जिसके लिए उन्हेांने जी तोड़ मेहनत की थी। अन्ना हजारे के साथ दिल्ली में कई दिनों तक आंदोलन का हिस्सा बने, राजनीतिक बयानबाजी पर पलटवार भी करते रहे, लेकिन जैसे ही ’’आम आदमी’’ पार्टी सत्ता की दौड़ में शामिल हुई, सबकुछ बिखर गया। संस्थापक सदस्यों ने विवादों के चलते किनारा कर लिया, तो अरविंद केजरीवाल सत्ता के अधिकारी बन गए। कवि कुमार विश्वास का तात्पर्य भी इसी बात से था।