मरवाही। उपचुनाव की तारीख के नजदीक आने के साथ ही मरवाही में सियासत शबाब पर है। इस दौरान पार्टी के प्रचारक कोविड-19 के खतरे को नजरअंदाज कर नियमों का माखौल उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बात सत्तापक्ष कांग्रेस की हो या फिर विपक्षी दल भाजपा की, सब एक ही थाल के चट्टे-बट्टे हो गए हैं। जबकि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। निर्वाचन आयोग के स्पष्ट दिशा-निर्देश के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में शिकायत नहीं मिलने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पहले ही ’’राष्ट्र के नाम संदेश’’ के सातवें भाग में कहा कि दो गज की दूरी और मास्क ही इस समय सबसे बड़ा उपचार है। लेकिन इस वक्त मरवाही उपचुनाव के दौरान जो सच्चाई नजर आ रही है, उसमें इन बातों का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। चैंकाने वाली बात कहें या फिर विडंबना कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या पौने 2 लाख के करीब पहुंच चुकी है। मौत का आंकड़ा 17 सौ के करीब पहुंच गया है, इसके बावजूद पार्टी के प्रचार में बगैर सुरक्षा मानकों का ध्यान रखे, आमजनता की भी सहभागिता खुलकर नजर आ रही है।
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निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से पहले ही इन बातों को स्पष्ट कर दिया था और राजनीतिक दलों को समझाईश भी दी थी कि इस समय कोविड-19 से बचते हुए चुनाव संपन्न कराया जाना है, लेकिन सियासी गरमी के बीच इन तमाम बातों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। इस संदर्भ में जब जिम्मेदार अफसरों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने भी शिकायत नहीं मिलने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ दिया।
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