भारत में 5G के लिए रिलायंस और एयरटेल के बीच टक्कर होगी। क्योंकि हुवावे को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इसे 5G से दूर रखेगी। लेकिन विश्वस्तर पर यह तीनों कंपनियां आमने-सामने टकराएंगी। हालांकि यहां भी कुछ देशों में हुवावे को मंजूरी मिलने में दिक्कत होगी। इसमें ताइवान, अमेरिका जैसे कई देश हैं जो हुवावे को 5G के लिए अपने बाजार नहीं देंगे। इस तरह से देखें तो एयरटेल और जियो ही इन बाजारों में आमने-सामने होंगे। हुवावे ने पहले ही परीक्षण कर लिया है।
चीन की कुछ देशों के साथ दुश्मनी है तो कुछ देश हाल में कोरोना की वजह से उसकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ऐसे में हुवावे के लिए वैश्विक स्तर पर ज्यादा बाजार मिलना मुश्किल है।
2022 में मिल सकती है 5G की सेवा
दरअसल भारत में सरकार 5G स्पेक्ट्रम को 2021 में निलामी के जरिए उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। इसके बाद यह माना जा रहा है कि 2022 से 5G की सेवा शुरू हो सकती है। एयरटेल की यह योजना है कि वह अमेरिका की मेवनीर सहित कई कंपनियों के साथ भागीदारी करेगी। यह जापान की एनईसी और ताइवान की सरकाम के साथ भी पार्टनर के लिए योजना बना रही है। इसके साथ ही एयरटेल ने एरिक्सन और नोकिया के साथ पहले पार्टनरशिप की है।
मानेसर और बंगलुरू में आरएंडडी सेट
एयरटेल ने 5G के लिए मानेसर और बंगलुरू में अपनी आरएंडडी लैब को सेट अप किया है। इसमें सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है। अभी इसमें 100 से ज्यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं। भारती एयरटेल ने अगस्त में कहा था कि वह कोलकाता और कर्नाटक में नोकिया और एरिक्सन के साथ 5G का ट्रायल करेगी।
रिलायंस जियो ने अमेरिका में किया ट्रायल
बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अमेरिका में 5G का परीक्षण किया है। रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमान ने क्वालकॉम इवेंट में कहा कि क्वालकॉम और रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रेडिसिस के साथ मिलकर हम 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, ताकि भारत में इसे जल्द लॉन्च किया जा सके। 5G की सेवा फिलहाल वैश्विक स्तर पर करीबन 70 देशों में चालू है।
1Gbps से ज्यादा की स्पीड
क्वालकॉम ने ऐलान किया कि उसने 1Gbps से ज्यादा स्पीड हासिल कर ली है। अभी दुनियाभर में अमेरिका, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे देशों के 5G ग्राहकों को 1Gbps इंटरनेट स्पीड की सुविधा मिल रही है। दूसरी ओर एयरटेल भारत में केवल 5G, होम ब्रॉडबैंड, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और अन्य वायर लाइन प्रोडक्ट ही नहीं डेवलप कर रही है, बल्कि इसका उद्देश्य लोकल स्तर पर कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर्स जैसे अमेरिका के फ्लेक्स और भारत के तेजस नेटवर्क के साथ मिलकर इक्विपमेंट का निर्माण करना है।