ग्रेंड न्यूज। देश में कोरोना से अब तक 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं, तो मौतों की संख्या 1.17 लाख पार हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में भी स्थिति भयावह है, क्योंकि यहां पर कुल संक्रमितों की संख्या करीब 2 लाख है, तो लगभग 2 हजार मौत के आंकड़े हैं। कुल मिलाकर कोरोना आज भी नियंत्रण से बाहर है। घर हो या बाहर, कोई भी कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। एक नई स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस एक सतह से दूसरी सतह पर कितनी आसानी और तेजी से फैल रहा है। ये स्टडी ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने की है। चिंता की बात ये है कि ये सतहें ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल हम अपनी आम दिनचर्या में करते हैं।
जिन सतहों की यहां पर बात हो रही है, उसमें सबसे पहले एटीएम है, जिसका नियमित उपयोग होता है। एटीएम में स्टील, ग्लास और फाइबर का उपयोग होता है, जिसमें वायरस के कीटाणु लगातार विद्यमान रहते हैं, वहीं एटीएम में एयर कंडीशन लगा होता है, जिसकी वजह से ठंडकता बनी रहती है और कीटाणु मरते नहीं हैं।
इसी तरह से मोबाइल का उपयोग हम दिनभर में तकरीबन 16 से 18 घंटे करते हैं। इसमें भी ग्लास, फाइबर और मेटल का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से वायरस इसमें भी कई घंटों तक विद्यमान रह सकते हैं।
मेट्रो और बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। स्टडी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खिड़कियों और पोल्स को सबसे अधिक संक्रामक बताया गया है। खिड़कियां और खंभे स्टील या कांच जैसी मैटेरियल से बनते हैं, इन सतहों पर वायरस आसानी से चिपक जाते हैं। चढ़ने-उतरने के दौरान कई यात्री इन सतहों का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से ये और अधिक संक्रामक हो जाते हैं।
वैसे तो इस समय अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जा रहा है लेकिन फिर भी अस्पताल के वेटिंग रूम में संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है। वेटिंग रूम लोगों से भरा रहता और लोग बाहर से आते-जाते रहते हैं जिसकी वजह से यहां वायरस फैलने का ज्यादा खतरा होता है। इस समय अस्पताल के चक्कर लगाने से बचें।
स्टडी के अनुसार ज्यादा हीट पर वायरस देर तक नहीं टिकता लेकिन स्टेनलेस स्टील पर ये आसानी से घंटों तक रह सकता है। किचन में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर बर्तन स्टील के ही होते हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा हो जाता है. अपने किचन में रखे स्टील के बर्तनों और किचन की सारी सतहों को अच्छी तरह साफ करते रहें।