दिवाली से पहले केंद्र सरकार करोड़ों लोगों को तोहफा दे सकती है। खबर है कि अब लोन पर मोरेटोरियम लेने वाले लोगों को ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा। केंद्र सरकार के कैबिनेट ने इस तरह का फैसला ले लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2 नवंबर को सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि सरकार इसी तरह की अपनी राय कोर्ट में रखेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याज के ब्याज माफी पर मुहर लगा दी है। यानी इसे हरी झंडी मिल चुकी है।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि आम आदमी की दिवाली कैसी होगी, यह सरकार के हाथ में है। कोर्ट ने सरकार को यह भी कहा था कि वह सर्कुलर जारी करने के मामले में देरी न करे और इसे जल्दी जारी करे। इससे पहले 14 अक्टूबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार ब्याज माफी के निर्णय को जल्द लागू करे।
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं
लोगों को मिले लोन मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज लगने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह बैंकों को खुद यह ब्याज चुकाएगी। सूत्रों ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मोरेटोरियम पर लगे ‘ब्याज पर ब्याज’ से लोगों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा भुगतान करने पर हरी झंडी दिखा दी है। इस पर सरकार को 5,500 से 6,000 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं।
ब्याज पर ब्याज का पैसा सरकार भरेगी
सूत्रों के मुताबिक सरकार बकाया लोन के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का पैसा खुद भरेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपए तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन सहित 8 सेक्टर पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज नहीं वसूले जाएंगे।
30 लाख कर्मचारियों को मिला था तोहफा
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने 30 लाख नॉन गजटेड कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया था। इसके तहत लिंक्ड बोनस देने की घोषणा की गई थी। यह बोनस 2019-20 की अवधि का दिया जाएगा। इसके तहत कुल 3,737 करोड़ रुपए का बोनस दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बिना ब्याज के 10 हजार रुपए का कर्ज देने का भी ऐलान किया था। इससे बाजार में एक लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है।
यानी कुल मिलाकर सरकार बाजार में डिमांड पर काम कर रही है। साथ ही लोगों को खर्च करने के लिए थोड़ा राहत दे रही है।