नई दिल्ली। बिहार की चुनावी सरगर्मी के बीच सत्ता में आने पर मुफ्त टीकाकरण का दावा किया जा रहा था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कील ठोंक दिया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की जनता की जवाबदारी केंद्र और राज्य सरकारों की है। लिहाजा कोविड-19 टीकाकरण के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें ही व्यवस्था बनाएंगी। पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 130 करोड़ देशवासियों को कोविड-19 का टीका देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। सरकार का अनुमान है कि एक व्यक्ति को टीका देने के लिए करीब 385 रुपये खर्च होंगे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह रकम इस वित्त वर्ष के अंत यानी 31 मार्च तक के लिए तय की गई है।
लगाए जाएंगे दो वैक्सीन
सरकार का अनुमान है कि हर व्यक्ति को कोविड-19 टीके के दो इंजेक्शन देने होंगे। एक इंजेक्शन पर करीब 150 रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा बाकी स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन आदि मिलाकर एक व्यक्ति को कोविड-19 टीके के दो इंजेक्शन देने पर करीब 385 रुपये खर्च होंगे।
अनुमान, फरवरी तक नियंत्रण में
सरकार की एक समिति का मानना है कि भारत में कोरोना का पीक समय जा चुका है और फरवरी 2021 तक यह नियंत्रण में आ जाएगा। दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के कई टीकों का ट्रायल चल रहा है। भारत में भी सीरम इंस्टीट्यूट और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के द्वारा कोविड-19 के टीके का ट्रायल हो रहा है और अगले साल की शुरुआत में टीका बाजार में आने की उम्मीद है।
पीएम ने दिया है भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में भरोसा दिया है कि जैसे ही कोविड-19 का टीका तैयार होगा, सरकार हर भारतीय तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करेगी। 20 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संदेश में उन्होंने सभी लोगों को सचेत भी किया था कि त्योहारी सीजन में वे सावधान रहें और कोरोना को लेकर बिल्कुल ढिलाई न बरतें।