नीट परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद नहीं के समान अंक आने से दुखी मध्य प्रदेश की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। जबकि उस छात्रा को वास्तव में 700 में से 590 अंक प्राप्त हुए थे। कम्प्यूटर की एक गलती की वजह से एक होनहार छात्रा ने जीवन का ही मोह त्याग दिया। छात्रा को नीट परीक्षा परिणाम में महज 6 नंबर मिले थे, जिस पर छात्रा और उसके परिजनों को कतई यकीन नहीं था। बेटी को खोने के बाद परिजनों ने जब उसकी ओएमआर शीट निकलवाई तो उसके नंबर 590 निकले।
घटना छिंदवाड़ा जिले के परासिया थाना क्षेत्र की है, जहां 20 अक्टूबर को छात्रा विधि सूर्यवंशी ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। विधि के मामा सचिन राय के मुताबिक, उनकी भांजी इतने कम नंबर आने को लेकर व्यथित थी। परिजनों ने उसे बहुत समझाया कि कोई चिंता की बात नहीं है और उसे दोबारा मेहनत करनी चाहिए, लेकिन उसका दुख कम नहीं हुआ। नीट परीक्षा का परिणाम 19 अक्टूबर को आया था।
थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर सुमेर सिंह ने कहा कि छात्रा की आत्महत्या के इस मामले में मार्कशीट में गलत अंक चढ़ने या कंप्यूटर द्वारा ओएमआर शीट की रीडिंग में गड़बड़ी प्रतीत होती है। विधि ने नीट परीक्षा की अपनी मार्कशीट में जब केवल 6 अंक देखे तो उसे गहरा सदमा लगा। इसमें उसकी रैंकिंग 13 से 14 लाख के बीच थी। परिजनों के लाख समझाने-बुझाने और जांच कराने के भरोसे के बावजूद वह संतुष्ट नहीं हुई। 20 अक्टूबर की सुबह उसने कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी।
परिजनों ने बाद में जब ओएमआर शीट हासिल की तो पाया कि दुनिया छोड़ चुकी उनकी बेटी को 590 अंक हासिल हुए थे। पिता गुलेंद्र सूर्यवंशी और अन्य परिजन भी बाद में नतीजों को लेकर अवाक रह गए। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह कंप्यूटर की गड़बड़ी का मामला लग रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सही वजह सामने आ पाएगी।