मरवाही। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के परिवार की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। जाति प्रमाण-पत्र की वजह से पहले ही मरवाही उपचुनाव से बाहर हो चुके जोगी परिवार की ’न्याय यात्रा’ में पेंच फंस गया है। कांग्रेस की शिकायत को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने जांच के निर्देश देने के साथ ही रिपोर्ट मांगी है। इस पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कलेक्टर डोमन सिंह ने किसी भी तरह की अनुमति देने की बात से इनकार किया है। साथ ही कहा कि वह बिना अनुमति ही प्रचार कर रहे हैं।
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर केंद्रीय पर्यवेक्षक जेएस गौतम ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कलेक्टर डोमन सिंह से मामले की जांच कर रिपोर्ट को लेकर बात की। साथ ही शिकायतकर्ता प्रदेश कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष और हाईकोर्ट के वकील संदीप दुबे से जानकारी ली। इसको लेकर संदीप ने भाषणबाजी और किताब वितरण की वीडियो क्लीपिंग व क्षेत्र में लगाए जा रहे बैनर पोस्टर की फोटो भी सौंपी।
केंद्रीय पर्यवेक्षक ने जोगी कांग्रेस की न्याय यात्रा को लेकर कलेक्टर डोमन सिंह से बात की थी। उन्होंने पूछा था कि अनुमति देने का आधार क्या है। इस पर कलेक्टर ने बताया कि वॉट्सऐप के जरिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है कि जोगी कांग्रेस के कैसे नेता और पदाधिकारी प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता संदीप दुबे ने ईमेल के जरिए आयोग को शिकायत भेजी थी। इसमें कहा गया है कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और कोटा की विधायक डॉ. रेणु जोगी मरवाही विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव घूम रहे हैं। किताब बांट रहे हैं। स्व. अजीत जोगी की तस्वीर बांट कर लोगों की भावनाओं को उकसाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति भी नहीं ली गई है।