दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के बल्लभगढ़ में दिनदहाड़े कॉलेज के सामने एक छात्रा के अपहरण की कोशिश में नाकाम रहने पर छात्रा की हत्या कर दी जाती है। इस वारदात से सिर्फ एक लड़की की मौत नहीं होती बल्कि उसके सपनों और देश के सुनहरे भविष्य की भी मौत हो जाती है। यह सब सिर्फ एक सनकी युवक के डर और असुरक्षा की भावना के चलते होता है। आरोपी तौसीफ जिसने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था उसे इस बार एक ऐसा डर था जिसके चलते उसने निकिता की हत्या ही कर दी।
कॉलेज के बाद निकिता की शादी न हो जाए इस डर से तौसीफ ने उठाया कदम
निकिता के परिजनों का कहना है कि वह कॉलेज पूरा करने के बाद निकिता की शादी कराने का विचार कर रहे थे। यह बात शायद तौसीफ को पता लग गई थी। आरोपी को डर था कि कहीं ऐसा न हो जाए। इसलिए आरोपी की मां ने निकिता को फोन पर शादी का दबाव बनाया और इसी डर से तौसीफ उसका दोबारा अपहरण करना चाहता था। सोमवार को भी वह निकिता को अपहरण कर अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहा था। विरोध करने पर उसने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
दो साल पहले तौसीफ ने शादी की नीयत से उसका अपहरण भी कर लिया था। आरोपी की मां भी निकिता के दिमाग में एक दबाव बनाए हुई थी कि तुम तौसीफ से शादी कर लो। इन सब के बावजूद वह अपने स्कूल व कॉलेज में लगातार टॉप करती रही। उसे प्रशासनिक अधिकारी बनने की धुन सवार थी। मृतका के पिता मूलचंद तोमर व मामा हाकिम सिंह ने बताया कि निकिता स्कूल के समय से ही पढ़ने लिखने में बहुत होशियार थी। बारहवीं कक्षा में उसके 95 प्रतिशत अंक आए थे। वह अपने स्कूल की टॉपर थी। इसके बाद जब उसका दाखिल कॉलेज में कराया गया तो वहां भी वह अपनी कक्षा के अन्य विद्यार्थियों से हमेशा आगे ही रही।
आरोपी तौसीफ निकिता के स्कूल रावल इंटरनेशनल में बारहवीं कक्षा तक साथ ही पढ़ता था। आरोपी स्कूल टाइम से ही उसे लगातार परेशान करता था। निकिता में यह बात घर में बताई लेकिन, कभी ये नहीं जाहिर होने दिया कि बात ज्यादा बड़ी भी है। वह हमेशा सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान देती रही। स्कूल से निकलने के बाद उनके परिवार को लगा कि अब नए कॉलेज में नई जिंदगी शुरू होगी।
अब दो साल बाद बेटी का जो हाल हुआ उसके बाद से परिवार बुरी तरह टूट गया है। उन्हें बस एक ही पछतावा है कि अगर दो साल पहले तौसीफ पर कार्रवाई की होती तो आज उनकी बेटी उनके साथ होती और शायद आगे चलकर अफसर बन परिवार का नाम रोशन करती।