पटना। बिहार में पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले यानि बीती रात बड़े घटनाक्रम में प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद की दावेदार पुष्पम प्रिया को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुष्पम प्रिया राज्यपाल को ज्ञापन देने राजभवन मार्च कर रही थी। बिहार में निष्पक्ष चुनाव के लिये राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर पुष्पम राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपना चाहती थीं। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इससे पहले पटना के डाकबंगला चौराहे पर मीडिया से बातचीत करते हुए पुष्पम प्रिया चौधरी ने आरोप लगाया कि उनके प्रत्याशियों का निर्वाचन रद्द किया जा रहा है। उनके प्रत्याशियों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां संविधान की धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं। कभी किसी बड़ी पार्टी का नामांकन आज तक खारिज नहीं हुआ है।
पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि महामहिम से केवल यह कहना है कि राष्ट्रपति शासन लगाने में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां मिलकर उनकी पार्टी के खिलाफ काम कर रही हैं। अधिकारियों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी पार्टियां जानती हैं कि एक पढ़ी लिखी पार्टी आ गई तो इन लोगों का करियर खत्म हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि जब तक राज्यपाल से मिलने नहीं दिया जाएगा वह कहीं नहीं जाएंगी।
देर रात तक पुष्पम प्रिया को राज्यपाल से मिलने की इजाजत नहीं मिल सकी थी। उन्होंने खुद को रोके जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि आपने पांच घंटे तक अपनी पुलिस और अधिकारियों के माध्यम से मुझे परेशान किया है। इस दिन को याद रखें। मैं आपके लिए ही आ रही हूं। भगवान आपका भला करें।
इससे पहले मंगलवार को ही दिन में पुष्पम प्रिया ने वैशाली से पाटलीपुत्र गंगा नदी को पैदल ही पार करते हुए कहा कि बुद्ध ने पाटलिपुत्र से वैशाली नाव में गंगा पार किया था तो पूरी मानवता को न्याय मिला था। आज मैं उसी माँ गंगा को वैशाली से पाटलिपुत्र पैदल पार कर रही। देखती हूं बिहार को न्याय मिलता है या नहीं। जा रही महामहिम राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन के लिए।