दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट के नामकरण का नया तरीका अपनाया है। अब ऐसे सेटेलाइट का नाम ‘ईओएस’ से शुरू होगा। इसके आगे गिनती के आधार पर सेटेलाइट की पहचान होगी।
नामकरण के नए तरीके के अनुसार इसरो के रडार इमेजिंग सेटेलाइट रीसैट-2बीआर2 का नाम अब ईओएस-01 होगा। इस सेटेलाइट को सात नवंबर को हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जाएगा। इसके साथ अन्य देशों के नौ सेटेलाइट की भी लांचिंग होनी है। यह 2020 में इसरो की पहली लांचिंग होगी।
इसरो ने बताया कि ईओएस-01 से कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन के कार्यो में मदद मिलेगी। सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) से लैस यह इमेजिंग सेटेलाइट हर मौसम में तस्वीर लेने में सक्षम है। यह दिन-रात में तस्वीरें ले सकता है और इससे कई गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
इस बार, इसरो पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का उपयोग करेगा जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स लगें होंगे। इससे पहले इस रॉकेट वैरिएंट को पहली बार 24 जनवरी, 2019 को माइक्रोसैट आर सैटेलाइट में इस्तेमाल किया गया था।
ग्राहक उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इसरो ने इस लॉन्च के दौरान जनता के लिए रॉकेट लॉन्चिंग व्यू गैलरी को बंद करने का फैसला किया है और श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह पर मीडिया कर्मियों का जमावड़ा देखने को नहीं मिलेगा।