दिवाली का त्योहार पास है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है। यूं तो दिवाली पूजा अपने आप में खास होती है, लेकिन इस साल तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग इसे और ज्यादा खास बना रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली पर गुरु ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि अपनी स्वराशि मकर में रहेगा। जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। बताया जा रहा है कि दीपावली पर तीन ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 2020 से पहले 1521 में बना था। ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु और शनि को आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाले कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में दिवाली पर यह दो ग्रह अपनी स्वराशि में होने से धन संबंधी कार्यों में बड़ी सफलता का योग बनाएंगे।
दिवाली 2020 शुभ पूजन मुहूर्त-
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक।
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक
वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक
चौघड़िया मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन-
दोपहर में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 14 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक।
शाम में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 14 नवंबर की शाम को 05 बजकर 28 मिनट से शाम 07 बजकर 07 मिनट तक।
रात में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 14 नवंबर की रात 08 बजकर 47 मिनट से देर रात 01 बजकर 45 मिनट तक।
प्रात:काल में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 15 नवंबर को 05 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक।
दिवाली का महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम लंका विजय कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्या का हर घर दीपक और रोशनी से जगमगा उठा था। अयोध्यावासियों ने भगवान राम के घर लौटने की खुशी में घर को दीपों से सजाया था। तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली या दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।