अंबाला रेलवे की नई समयसारिणी में हजारों स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव बंद होने जा रहा है। रात्रि 11 बजे से लेकर सुबह चार बजे तक जिन स्टेशनों के लिए यात्रियों की संख्या कम है, वहां इनका ठहराव बंद कर दिया जाएगा। जिन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम है, उनका रूट बदल जाएगा। अन्य ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और घाटे में चल रहे रेलवे को उबारने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया है। राहत की बात है कि पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया जाएगा।
एक अनुमान है कि ट्रेन के एक स्टेशन पर रुकने और फिर चलने में 7600 से 9000 रुपये का खर्च आता है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी), मुंबई और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) बेंगलुरु को नई समयसारिणी बनाने का जिम्मा दिया गया है। रेल मंत्रालय ने देश के सभी मंडलों से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें किस स्टेशन पर क्या ठहराव, कितने यात्री उतरे, क्या आमदनी या खर्च हुआ, बुक हुए टिकट आदि का ब्योरा देना है। इन दिनों कोरोना संकट के कारण चु¨नदा ट्रेनों को छोड़कर सिर्फ स्पेशल ट्रेनें ही चल रही हैं। माना जा रहा है कि मार्च, 2021 तक स्पेशल दर्जे वाली ट्रेनें ही पटरी पर दौड़ेंगी। इसलिए रेल अधिकारी चाहते हैं कि सन् 2021-22 का टाइम टेबल अप्रैल तक तैयार हो जाए। ताकि सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) को उन ट्रेनों की सूची दे दी जाए, जिनका ठहराव बंद किया जाएगा। इसके बाद क्रिस साफ्टवेयर को अपडेट करेगा, ताकि स्टेशनों से संबंधित ट्रेनों के लिए टिकट जारी हो सके।
इन ट्रेनों को मिलेगा मेल का दर्जा पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लग चुका है। कालका से नई दिल्ली के बीच जाने वाले ट्रेन नंबर 54304 और ब¨ठडा से अंबाला आने वाली 54306 को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया जा रहा है। कुछ ट्रेनें ऐसी भी चिन्हित की गई हैं, जिनमें यात्रियों की संख्या कम है। ऐसे में उन रूटों पर ट्रेनों को बंद करने या सप्ताह में दो से तीन दिन तक चलाने पर विचार हो सकता है।