नई दिल्ली। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इंग्लैंड में 2 दिसंबर तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। उन्होंने यह फैसला विशेषज्ञों की आशंका के बाद ली है, जिसमें विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो दिसंबर तक कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौत की संख्या में तेज वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। आपको यह भी बता दें कि इंग्लैंड में कोरोना के मामले दस लाख के पार कर गए हैं।
पीएम जॉनसन के ऐलान के साथ ही इंग्लैंड में भी चार हफ्ते का लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इसके तहत पब, रेस्तरां, गैर जरूरी दुकानें और दूसरी सुविधाओं के संचालन पर पाबंदी लगाई गई है। पीएम जॉनसन ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा है कि इंग्लैंड में 5 नवंबर से 2 दिसंबर तक के लिए पाबंदियां रहेंगी।
From Thursday 5 November until 2 December, you must stay at home.
For more information on the new measures watch our video or visit: https://t.co/shgzOurdZC pic.twitter.com/KrBviO8kmO
— UK Prime Minister (@10DowningStreet) October 31, 2020
पीएम जॉनसन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट करते हुए घर पर रहने की अपील की गई है। इसमें कहा गया है कि 4 हफ्ते के बाद हालात की समीक्षा की जाएगी और तभी इसको बढ़ाने या खत्म करने पर फैसला लिया जाएगा। ट्वीट में अपील की गई है कि अपने घर से खाने-पीने की चीजें लाने, मेडिकल उद्देश्य, एक्सरसाइज, पढ़ाई या काम के सिलसिले में ही निकलें। अगर संभव हो तो वर्क फ्राम होम करें। साथ ही जरूरी न हो तो यात्रा को टाल दें। हालांकि स्कूल और जरूरी दुकानें खुली रहेंगी।
From Thursday 5 November until 2 December, you must stay at home.
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— UK Prime Minister (@10DowningStreet) October 31, 2020
यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर
यूरोप में एक बार फिर कोरोना के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। इस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को फ्रांस में चार हफ्ते के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पेरिस की सड़कों पर अफरातफरी मच गई थी और इस दौरान सैकड़ों किलोमीटर लंबा जाम लग गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने उत्तरी गोलार्ध (मुख्य रूप से यूरोपीय) वाले देशों को चेतावनी दी है कि वे नाजुक मोड़ पर खड़े हैं क्योंकि संक्रमण के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने बेहद कठिन होने जा रहे हैं और कुछ देश खतरनाक रास्ते पर हैं।