रायपुर. छत्तीसगढ़ में 11 साल पुराने मदनवाड़ा कांड न्यायिक जांच शुरू हुई है। न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग ने घटना की जानकारी अथवा कोई सूचना रखने वाले लोगों से शपथपत्र पर बयान और दस्तावेज देने को कहा है। आयोग ने इस सूचना को राजपत्र में भी प्रकाशित करवा दिया है।
मदनवाड़ा विशेष न्यायिक जांच आयोग के सचिव एनआर साहू की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, जिनके पास इस घटना से जुड़ी जानकारी है अथवा कोई साक्ष्य है और वे आयोग का सहयोग करना चाहते हैं, वे पंजीकृत डाक से आयोग के रायपुर मुख्यालय को भेज सकते हैं।
ऐसे लोगों को यह जानकारी शपथपत्र में आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड, गांव के सरपंच अथवा किसी सरकारी संस्था से बना पहचान पत्र, कृषक होने की स्थिति में खाते की स्व-प्रमाणित प्रतियों के साथ 15 दिनों के भीतर भेजना होगा।
अगर कोई व्यक्ति का घटना का प्रत्यक्ष साक्ष्य देना चाहता है तो उसे पूर्ण विषयवस्तु और अपने निवास के पते के साथ आयोग में पंजीयन कराना होगा।
इन बिंदुओं पर जांच कर रहा है आयोग
– यह घटना किन परिस्थितियों में हुई थी।
– क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था।
– क्या सुरक्षा की निर्धारित प्रक्रियाओं और निर्देशों का पालन किया गया था।
– किन परिस्थितियों में एसपी और अन्य सुरक्षाबलों को उस अभियान में भेजा गया।
– एसपी और जवानों के एम्बुस में फंसने पर क्या अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया गया, अगर हां तो स्पष्ट करना है।
– मुठभेड़ में माओवादियों को हुए नुकसान और उनके मरने और घायल होने की जांच।
– सुरक्षाबलों के जवान किन परिस्थितियों में मरे अथवा घायल हुए।
– घटना से पहले, उसके दौरान और बाद के मुद्दे जो उससे संबंधित हों।
– क्या, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच समुचित समन्वय रहा है।