पेंड्रा- मरवाही में 8 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। अब इंतजार है 10 नवंबर का जब उपचुनाव के नतीजे आएंगे। लेकिन इस बार हुई बंपर वोटिंग ने ये बात साफ कर दी है कि मरवाही की जनता ने जोगी परिवार के इतर इस बार नए चेहरे को चुना है। बंपर वोटिंग ने जहां कांग्रेस को राहत दी है वहीं विरोधी खेमे में चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। इस सीट पहली बार जोगी परिवार से कोई नहीं चुनाव लड़ सका। अमित जोगी और ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति, आदिवासी जाति और अनुसूचित जनजाति विकास ने निरस्त कर दिया। जिससे वो चुनाव नहीं लड़ सकें।
क्या जेसीसीजे का वोट बैंक तय करेगा विजेता ?
जोगी परिवार से चुनाव के मैदान में कोई नहीं उतर सका। जबकि इस सीट को जोगी का गढ़ माना जाता है। ऐसे में उनके खेमे से उम्मीद्वार नहीं उतरने सभी की नजर जनता कांग्रेस के वोट बैंक पर थी। क्योंकि स्वर्गीय अजीत जोगी इसी सीट पर 2018 में बीजेपी की अर्चना पोर्ते को हराकर विधानसभा में आए थे। लेकिन अब तस्वीर कुछ और है सत्ता कांग्रेस की है। और वो कभी नहीं चाहती कि उपचुनाव में उसकी दावेदारी कमजोर पड़े। लिहाजा कांग्रेस ने जनता कांग्रेस में पड़ी फूट का फायदा उठाया बल्कि बीजेपी खेमे के भी सिपाहियों को अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिससे मुकाबला वन-टू-वन हो गया। चुनावी मैदान में और भी खिलाड़ी उतरे लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के बीच असली मुकाबला हुआ । लेकिन इस मुकाबले में जो साफ तस्वीर देखने को मिली वो थी जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह की पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह से मुलाकात। जिसके बाद उन्होंने स्वर्गीय अजीत जोगी को अपमानित करने वालों को सबक सिखाने की बात कही। मतलब साफ था कि वो कांग्रेस को तो समर्थन नहीं करेंगे।लिहाजा ये कयास लगने लगे थे कि जनता कांग्रेस का वोट कांग्रेस में नहीं जाएगा। लेकिन क्या जनता कांग्रेस के समर्थन के बिना भी कोई दल अपने दम पर मरवाही जीत सकता है। इसका जवाब है बिल्कुल नहीं। क्योंकि चाहे बात कांग्रेस कि हो या बीजेपी कि दोनों ही दलों में असुंतष्टों की फौज थी। जिसका फायदा उस उम्मीद्वार को मिलेगा । जिसे जोगी का वोट बैंक अपने सबसे करीब मानता है।
मतदान प्रतिशत ने भी चौंकाया ?
सुबह 9 बजे तक मतदान हुआ 2.4 प्रतिशत
सुबह 11 बजे तक मतदान हुआ 21.52 प्रतिशत
दोपहर 1 बजे तक मतदान हुआ 41.46 प्रतिशत
अपराह्न 3 बजे तक मतदान हुआ 59.05 प्रतिशत
शाम 5 बजे तक मतदान हुआ 71.99 प्रतिशत
शाम 6 बजे तक मतदान हुआ 77 प्रतिशत
पिछले विधानसभा चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत इस बार से कम था। कोरोना संकट के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में वोटिंग इस बात का इशारा कर रही है। कि वोटर्स ने ये तय किया था कि जोगी परिवार के नहीं होने से वो इस बार नए नेता को चुनने में योगदान देंगे। तो क्या ये भी हो सकता है कि स्वर्गीय अजीत जोगी के बाद उनसे जुड़े लोगों ने ये तय किया कि उनके दल का नेता या परिवार का झुकाव जिस तरफ होगा, वो उधर ही जाएंगे। ताकि अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दे सकें।