दिल्ली। कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम के लिए नियमों में जो विशेष छूट दी गई थी, उसे आईटी क्षेत्र में अब स्थायी रूप से लागू कर दिया गया है। वहीं, बिजनेस प्रोसेसिंग आउटसोर्सिंग (बीपीओ) को प्रोत्साहित करने के लिए पुराने नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। गुरुवार को दूरसंचार विभाग के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे युवा इस सेक्टर में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, दूरसंचार विभाग ने आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा सुधार किया है। इससे आईटी और बीपीओ उद्योग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। नए बदलाव के तहत अन्य सेवा प्रदाता को अब रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। बैंक गारंटी को भी समाप्त कर दिया गया है। एक स्थिर आईपी रखने और समय-समय पर सरकार को रिपोर्ट भेजने की बाध्यता अब नहीं होगी। डायग्राम को प्रकाशित करने की जरूरत भी नहीं होगी। दंडात्मक प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
कोरोना वायरस ने हमारे काम करने के तरीके बदल दिए हैं। कोविड-19 के बाद से आईटी सेक्टर, सर्विस इंडस्ट्री और उद्योग जगत पर ये बदलाव साफ दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, इन सेक्टर्स ने नए माहौल के अनुसार खुद को इस संकट के दौर में मजबूती से तैयार किया। आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास एवं टेक्नोलॉजी का समावेश कर वर्कफ्लो एवं टीम के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। ऐसा करना समय की मांग थी। हालांकि, इससे कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ने से लेकर कंपनियों के अपने खर्चों में कई स्तरों पर कमी आई है। यह एक सकारात्मक पहलू हैं।
ऐसी कहावत है- जो होता है, वो अच्छे के लिए ही होता है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारत में महिला कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ी है। इस तरह देखा जाए तो महिलाओं के लिए लॉकडाउन का लगना सकारात्मक रहा। लिंक्डइन की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि महिला कर्मचारियों की हिस्सेदारी अप्रैल में करीब 30 फीसद से बढ़कर जुलाई के अंत में 37 फीसद हो गई। हालांकि, हर कोई कोरोना महामारी का अंत चाहता है, लेकिन जब तक कोविड-19 को मात देने के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक हमें मजबूती के साथ इसका सामना करना ही पड़ेगा। इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।