Firecrackers Ban in India 2020: देश में प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। सबसे बुरा हाल दिल्ली-एनसीआर में है, जहां कोहरे के चादर की भांति आसमान में धुंध छाई हुई है। वहीं, इस त्योहारी सीजन पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया।
एनजीटी ने बड़ा फैसला करते हुए दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखों के जलाने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, जिन अन्य राज्यों में वायु गुणवत्ता खराब स्तर की है, वहां पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम और कर्नाटक जैसे राज्यों ने अपने स्तर पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। हालांकि इनमें से कुछ राज्यों ने विरोध के बाद थोड़े समय के लिए पटाखे जलाने की छूट दी थी।
दिल्ली-एनसीआर को लेकर यह है आदेश
एनजीटी के आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। फिलहाल दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद की खराब स्तर पर है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ इस स्थिति को और भी बदतर कर सकता है।
यूपी के इन जिलों पर होगा एनजीटी के फैसले का सीधा असर
एनसीआर में उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। इसमें गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली शामिल हैं। एनजीटी के आदेश के बाद इन जिलों में पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होगा।
हरियाणा के इन जिलों में पटाखे नहीं जला पाएंगे लोग
एनसीआर में हरियाणा के सबसे ज्यादा 14 जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूह, पानीपत, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत। एनजीटी के आदेश के मुताबिक, इन जिलों में लोगों के पटाखे जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा।
देश के किन हिस्सों में होगा प्रतिबंध
एनजीटी के आदेश के अनुसार, पटाखों पर प्रतिबंध देश के उन सभी शहरों/कस्बों पर लागू होगा जहां नवंबर के दौरान वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ और इससे ऊपर की श्रेणी में आती है। पिछले साल के वायु गुणवत्ता के डाटा को देखा जाएगा और उससे तुलना कर प्रतिबंध लागू किया जाएगा।
देश के इन हिस्सों के लोग जला पाएंगे पटाखे
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि जिन शहरों में पिछले साल नवंबर की तुलना में इस साल नवंबर में वायु गुणवत्ता ठीक स्तर पर है। वहां पर ग्रीन पटाखों की ही बिक्री की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि पटाखों का उपयोग दिवाली के दिन दो घंटे के लिए किया जा सकेगा। पटाखे जलाने के लिए ये दो घंटे कौन से होंगे, इसका निर्धारण राज्य सरकार करेगी।
अधिकारी भी ले सकेंगे प्रतिबंध का फैसला
एनजीटी ने देश के अन्य हिस्सों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करने का अधिकार वहां से अधिकारियों को सौंप दिया है। हालांकि, आदेश में कहा गया है कि अगर किसी राज्य या शहर में पहले से ही प्रतिबंध लागू हैं तो वह जारी रहेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर किसी क्षेत्र या इलाके की हवा की गुणवत्ता ठीक है, लेकिन राज्य में प्रतिबंध लागू है तो वह उस क्षेत्र पर भी लागू होगा।