जशपुर से लूटे गए दोनों ट्रकों को माल सहित पुलिस ने बरामद कर लिया है। ट्रक और उसमें लदे करीब तीस लाख के एल्युमिनियम को लुटेरे पटना के कबाड़ियों के पास बेचने जाने की तैयारी में थे। बेहद शातिर इस अपराधिक समूह ने पूरी सावधानी बरती थी लेकिन ‘तकनीक’ उनसे फिर आगे हो गई और लुटेरे पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
रात करीब एक बजे के आसपास जशपुर जिले के कसजोरा पुल के पास एल्युमिनियम से भरे दो ट्रकों को लूट लिया गया था। सशस्त्र समूह ने ड्रायवरों के हाथ पाँव बांध कर उन्हें जंगल के भीतर फेंक दिया था और ट्रक लूट कर चले गए थे। पुलिस को जानकारी सुबह हुई जबकि ड्रायवर किसी तरह थाने पहुँचे थे। तब तक वारदात को पांच घंटे हो चुके थे। ट्रकों की लूट की इस वारदात ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया।
सरहद से लगे झारखंड के जिलों को अलर्ट का मैसेज भिजवाया गया और तीन टीमें रवाना की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। पूरे मामले पर लगातार नजर रखे हुए आईजी रतनलाल डाँगी के पास अहम क्लू आया। दरअसल टोल नाकों पर फास्टेग नामक सुविधा होती है। यह एक एप होता है जिसके जरिए टोल नाके पर पैसा सीधे एप के जरिए पट जाता है और गाड़ियों को रुकने की जरुरत नहीं होती। वाहन स्वामी के मोबाइल पर सीधे मैसेज आ जाता है। यहाँ इसी एप से मिले मैसेज ने यह अहम सुराग दे दिया कि, ट्रक कितने बजे किस टोल नाके से गुजरे हैं, जिससे पुलिस फिर पीछा करते हुए हजारीबाग पेट्रोल पंप के पास मौजुद दोनों ट्रकों और सरगना समेत तीन आरोपियों को हिरासत में लेने में सफल हो गई।
पुलिस के लिए चुनौती बने इस लूटकांड में पुलिस को 36 घंटों के भीतर सफलता मिल गई। रेंज आईजी रतनलाल डांगी ने बताया “चुनौती समाधान के साथ आती है, समाधान इसमें भी मिला, शातिर बदमाशों ने मोबाइल बंद कर रखे थे, पर टोल नाके पर इस्तेमाल होने वाले एप ने कारआमद सबूत दिए। डीआईजी राँची और हजारीबाग एसपी ने सहयोग किया.. सरगना और उसके तीन साथी पकड़ाए हैं, शेष की तलाश जारी है।”